7 मार्च को 5 राज्यों के सभी चरणों की वोटिंग समाप्त होने के साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे चुनावी बाजार में तैरने लगे। सबका अपना-अपना आकलन है। उस आकलन का आधार भी है, पर जनता के मन तक किसी सर्वे के पहुंचने पर दावा करना सौ फीसदी मुनासिब नहीं है। एग्जिट पोल के रिजल्ट पर सभी दलों के नेताओं ने अपने-अपने तरह से प्रतिक्रिया भी दी है। राजनीतिक विश्लेषकों ने भी रिजल्ट का विश्लेषण किया है। देश के जाने-माने पत्रकारों ने भी अपनी राय रखी है। फिर भी सभी का कहना है कि इंतजार तो 10 मार्च तक करना होगा। बेशक यही सबसे सही और उपयुक्त बात है।
एग्जिट पोल के नतीजों में यूपी में कांग्रेस फिसड्डी
हम पाते हैं कि एग्जिट पोल में यूपी के नतीजे बीजेपी के पक्ष में स्पष्ट रूप से हैं। सपा ने पिछले चुनाव की अपेक्षा बहुत तरक्की की है, लेकिन बसपा और कांग्रेस की हालत खराब है। खासकर कांग्रेस की। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की महासचिव और वहां की प्रभारी प्रियंका गांधी ने वहां लगातार रहकर जबरदस्त मेहनत की और जगह-जगह उनकी मेहनत का चुनाव के दौरान असर भी दिख रहा था, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में उनके प्रयास का फल नेगेटिव है, फिर भी प्रियंका गांधी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। उनकी आवाज, उनकी बात में बुलंदी का संकेत है। एग्जिट पोल आने के बाद न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने 8 मार्च को उनसे बात की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लखनऊ पहुंचीं प्रियंका गांधी ने एएनआई से स्पष्ट कहा,’हम पूरी मेहनत के साथ लड़े हैं। हमें अब 10 मार्च का इंतजार रहेगा।’