Russia और Ukraine के बीच युद्ध का सातवां दिन और भीषण हो गया है। 2 मार्च को रूसी सेना यूक्रेन के प्रमुख शहरों में बमबारी कर रही है। यूक्रेन की सेना भी मुकाबले में पीछे नहीं है, लेकिन यूक्रेन में तबाही के मंजर साफ दिख रहे हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिए ऑपरेशन गंगा सक्रिय है और इसमें सफलता भी मिल रही है। इस बीच यह महत्वपूर्ण खबर मिल रही है कि रूस की सीमा से महज दो घंटे की दूरी पर पूर्वी यूक्रेन के एक कस्बे सुमी में करीब 500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। दरअसल भारत सरकार द्वारा पश्चिमी यूक्रेन से भारतीयों को निकाला जा रहा है और ये छात्र पूर्वी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन स्टूडेंट्स के अनुसार ये पूर्वी यूक्रेन से पश्चिमी यूक्रेन नहीं पहुंच सकते हैं। ऐसे में भारत सरकार इन्हें रूस के बोर्ड से निकाले।
एनडीटीवी के पास पहुंची छात्रों की पीड़ा
इन छात्रों की पीड़ा एनडीटीवी के पास पहुंची है। इसकी जानकारी एनडीटीवी ने अपनी साइट पर छात्रों द्वारा भेजे गए वीडियो के साथ आज सुबह शेयर की है। इस जानकारी के अनुसार पांच छात्राओं ने एक वीडियो भेजी है। वीडियो में एक छात्रा कहती हुई सुनाई दे रही है कि हम भारतीय दूतावास से जल्द से जल्द हमें बचाने का अनुरोध कर रहे हैं। सुमी मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंतिम वर्ष की छात्रा अंजु तोजो ने कहा कि हमारे लिए यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की यात्रा करना असंभव और बहुत खतरनाक है। एकमात्र विकल्प रूसी सीमा है। इसलिए मैं मास्को में भारतीय दूतावास से अनुरोध करती हूं कि हमें वहां से निकाले। छात्राओं के अनुसार, सड़क यात्रा एकदम सुरक्षित नहीं है। सुमी में रेल की पटरियां क्षतिग्रस्त हैं। सुमी से कीव तक बारूदी सुरंगें हैं।