Russia और Ukraine के बीच चल रहे युद्ध के दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी की रात को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की हाई लेवल मीटिंग की। इसमें युद्ध और उससे उत्पन्न समग्र परिस्थितियों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा और उनकी मुकम्मल वापसी की प्रक्रिया पर गहन मंत्रणा हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी प्रेसिडेंट व्लादीमीर पुतिन से लगभग 25 मिनट तक बातचीत की। भारतीयों की सुरक्षा तथा उनकी वापसी पर बात हुई। रूस और यूक्रेन के बीच सारे मसलों को शांति से हल करने पर विमर्श हुआ।
गौरतलब है कि भारत के कम से 20 हजार नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उन्होंने बीते दिनों विदेश मंत्रालय को लगातार फोन कॉल किए हैं और मदद के लिए ईमेल भेजे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। न्यूज़ एजेंसी ANI ने अपने ट्विटर हैंडल पर रात 9:35, 9:37,9:39 और 9:52 बजे इस संबंध में पोस्ट किए हैं।
4000 भारतीय लौट चुके हैं यूक्रेन से
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे।” उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं।”
प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर पड़ेगा असर
उन्होंने बताया कि “रूस पर यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। हमें देखना होगा कि इन प्रतिबंधों का हमारे हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह स्वीकार करना होगा कि किसी भी प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।”