Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

किसानों की आय दोगुना करने के लिए छह सूत्र : शिवराज सिंह चौहान

किसानों की आय दोगुना करने के लिए छह सूत्र : शिवराज सिंह चौहान

Share this:

बिहार का टैलेंट दुनिया में अद्भुत, इस टैलेंट का ठीक उपयोग बिहार को भारत का ही सिरमौर नहीं बनायेगा, बल्कि भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा

Patna news, Bihar news, union agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना में कृषि भवन में किसानों के साथ शुक्रवार को परिचर्चा की। उन्होंने कहा, ” कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति मैं आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने किसानों की सेवा का काम मुझे दिया है। किसानों की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है। हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम देश के किसानों का कल्याण कर सकें।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले से कहा है कि वह तीन गुना तेजी से काम करेंगे। मैं बिहार की सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि विभाग को बधाई देना चाहता हूं। वे लगातार किसान के कल्याण के काम में लगे हुए हैं। आज मैंने स्टॉल देखे हैं, मखाना, चावल, शहद, मक्का, चाय ; सब कुछ अद्भुत है। बिहार के किसानों को मैं प्रणाम करता हूं। बड़े जमीन के टुकड़े हमारे पास नहीं हैं, 91 प्रतिशत सीमांत किसान हैं। लेकिन, फिर भी किसान चमत्कार कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करने का अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया है।”

65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज प्रधानमंत्री ने किसानों को समर्पित किया

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हमारे किसानों के लिए छह सूत्र हैं, जिन पर हम काम कर रहे हैं। उत्पादन बढ़ाना, इसके लिए जरूरी है अच्छे बीज। उत्पादन अच्छा है लेकिन और सम्भावना है। फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं। मुझे खुशी है कि 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज प्रधानमंत्री ने किसानों को समर्पित किये हैं। ऐसी धान की किस्म है जिसमें 30% कम पानी लगता है। बाजरे की एक किस्म है जिसकी फसल 70 दिन में आ जाती है। ऐसे बीज हैं जो जलवायु के अनुकूल हैं। बढ़ते तापमान में भी अच्छा उत्पादन देते हैं। मैं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – के द्वारा यहां किसानों को बीज की उपलब्धता हो जाये।” उन्होंने कहा कि उत्पादन की लागत घटाना हमारा दूसरा संकल्प है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को बहुत मदद मिलती है। किसान क्रेडिट कार्ड – केसीसी से खाद के लिए सस्ता लोन मिल जाता है।  तीसरी चीज है उत्पादन के ठीक दाम मिल जायें। यहां का मखाना धूम मचा रहा है। मखाना एक्सपोर्ट क्वालिटी का पैदा हो रहा है। चीजें एक्सपोर्ट होती है तो किसान को ज्यादा फायदा होता है। इससे जुड़ा कार्यालय बिहार में आये, इसके लिए मैं प्रयास करूंगा।”

कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में

श्री चौहान ने कहा, “कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है। परम्परागत फसलों के साथ ही ज्यादा पैसे देनेवाली फसलों को बढ़ावा देने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं फूड प्रोसेसिंग की बात भी करना चाहूंगा। बिहार का टैलेंट दुनिया में अद्भुत है। इस टैलेंट का ठीक उपयोग बिहार को भारत का सिरमौर नहीं बनायेगा, भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा। इसे खेती में और कैसे लगा सकते हैं, नये आइडियाज के साथ। केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग आखिर हम कब तक करेंगे। इससे उर्वरक क्षमता भी कम होती है और जो उत्पादन होता है, उनका शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। आजकल केंचुए गायब हो गये हैं। खाद डाल कर उनका समापन ही कर दिया। केंचुआ 50-60 फीट जमीन के नीचे जाता है, ऊपर आता है, इससे जमीन उर्वरक रहती है।”

केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती का मिशन शुरू हो रहा है। इससे उत्पादन घटेगा नहीं, बढ़ेगा। मैं अगली बार पूरा समय लेकर आऊंगा। इसके बाद हम खेतों में ही कार्यक्रम करेंगे, प्रैक्टिकल प्रॉबलम भी देखेंगे। किसान के बिना दुनिया नहीं चल सकती है। बाकी चीजें तो फैक्ट्री में बन जाएंगी लेकिन गेहूं-चावल कहां से लाओगे? हम सब मिलकर काम करेंगे।”

Share this: