राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। स्वामी ने सिर्फ न्यायालय से राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने के निर्देश देने की मांग की है। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वामी द्वारा मामले की जल्द सुनवाई की मांग के बाद इस पर 9 मार्च को सुनवाई होगी।
स्वामी का शीर्ष अदालत से आग्रह
स्वामी ने अपनी याचिका में कहा कि यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है और तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। पीठ ने इस मुद्दे पर भारत सरकार के रुख के बारे में भी पूछा। स्वामी ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर एक हलफनामा दायर किया है। स्वामी ने अपनी याचिका में अदालत से आदेश पारित करने और राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के साथ भारत संघ को राम सेतु को भारत का प्राचीन स्मारक घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को राम सेतु के संबंध में एक विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिए निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं स्वामी
स्वामी ने कहा कि वह पहले ही मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं जिसमें केंद्र ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने सेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। गौरतलब है कि मोदी सरकार राम सेतु मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी।