National news, National update, New Delhi news, New Delhi news : सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने गत एक नवंबर को एक सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ वकील द्वारा बाए-बार ‘माई लॉर्ड’ कहने पर नाखुशी जताई है।न्यायिक कार्यवाही के दौरान अधिवक्ताओं द्वारा बार-बार ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप्स’ कहे जाने पर न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने आपत्ति जताई। उन्होंने दो टूक कहा ‘आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ कहेंगे? यदि आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।’
‘कोर्ट की सलाह, सर क्यों नहीं कहते
दरअसल, बहस के दौरान अधिवक्ता न्यायाधीशों को हमेशा ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित करते हैं। इस प्रथा का विरोध करने वाले अक्सर इसे औपनिवेशिक युग का अवशेष और गुलामी की निशानी कहते हैं। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि ‘आप इसके बजाय ‘सर’ का उपयोग क्यों नहीं करते?’ उन्होंने कहा कि अन्यथा वह गिनना शुरू कर देंगे कि वरिष्ठ अधिवक्ता ने कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ शब्द का उच्चारण किया।
बीसीआई ने किया था हस्तक्षेप, जारी हुआ था प्रस्ताव
भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें निर्णय लिया गया था कि कोई भी वकील न्यायाधीशों को ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित नहीं करेगा, लेकिन व्यवहार में इसका पालन नहीं किया जा सका। आज भी वकील विभिन्न मामलों की सुनवाई में इस शब्द का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं।