Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : केन्द्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि मंगलवार को होनेवाली मतदान प्रक्रिया के लिए वह पूरी तरह से तैयार है। आयोग की चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। लगभग 10 लाख अधिकारी मतगणना प्रक्रिया में शामिल हैं और कुल राजनीतिक व अन्य को जोड़ दिया जाये, तो लगभग 70 से 80 लाख लोग इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार व अन्य दो आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने देशभर में मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज आकाशवाणी के रंग भवन में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया। इसमें उन्होंने चुनाव आयोग की इन चुनावों में प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस बार आयोग ने क्या नया सीखा।
राजीव कुमार ने कहा कि आयोग के खिलाफ नरेटिव के लिए हमें पहले से तैयार होना चाहिए था। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने शुरू हो गये। इसका हमने मुकाबला भी किया, लेकिन उसमें गलत धारणाओं को बदलने में समय लगा। इसके अलावा उन्होंने गर्मी को भी प्रमुख विषय माना और कहा कि मतदान की प्रक्रिया को इतना आगे नहीं ले जाना चाहिए था।
चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार लगभग 64.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जिसमें 31.2 करोड़ महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि मतदान की यह संख्या जी7 देशों की डेढ़ गुना और यूरोप की आबादी के पांच गुना है।
उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सीईसी ने बताया कि इस बार पिछले आम चुनाव के 540 स्थानों के मुकाबले केवल 39 स्थानों पर ही दोबारा मतदान कराना पड़ा। इनमें से भी अरुणाचल और मणिपुर में 25 स्थान हैं ; अर्थात देशभर में लगभग न के बराबर दोबारा मतदान करना पड़ा। इस बार का मतदान हिंसा मुक्त रहा। इस बार आयोग की सख्ती से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की जब्ती की गयी है।
हिंसा के विषय पर चुनाव आयुक्त ने बताया कि कुछ राज्यों ; यथा पश्चिम बंगाल, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती आचार संहिता के समय के बाद भी रहेगी। राज्य सरकारों के अंतर्गत यह चुनाव बाद होनेवाली हिंसा को रोकने के लिए काम करेंगे।
मतपत्रों की गिनती पहले पूरी कर नतीजे घोषित करने के सवाल पर चुनाव आयोग ने कहा कि नियम तय हैं और उसके तहत गिनती होगी। लगातार मतपत्रों से होनेवाले मतदान की संख्या में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में मतपत्रों की गिनती पहले पूरी हो ही जाती है। मतपत्रों की गिनती शुुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम की गिनती होती है और उसके बाद पांच वीवीपैट मशीनों से उसका मिलान किया जाता है।