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कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने उठाये कई महत्त्वपूर्ण कदम

कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने उठाये कई महत्त्वपूर्ण कदम

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New Delhi news : सरकार ने आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने एवं तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिये हैं। सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने भी ईंधन मूल्य निर्धारण, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के प्रभाव और उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने से सम्बन्धित मुद्दों को हल करने के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं।

राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने सोमवार को बताया कि केन्द्र सरकार ने नवम्बर, 2021 और मई, 2022 में दो किश्तों में पेट्रोल और डीजल पर कुल मिला कर क्रमश: 13 रुपये प्रति लीटर और 16 रुपये प्रति लीटर की केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की, जिसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया। कुछ राज्य सरकारों ने भी नागरिकों को राहत देने के लिए वैट दरों में कमी की। मार्च, 2024 में ओएमसी ने देश भर में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में 02 रुपये प्रति लीटर की कमी की। कच्चे तेल के आयात की टोकरी में विविधता लाकर आम नागरिकों को उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों से बचाना, पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व के प्रावधानों को लागू करना और घरेलू बाजार में डीजल की कीमतों में वृद्धि, पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण में वृद्धि आदि कदम उठाये गये हैं।

पीएसयू ओएमसी ने अंतर-राज्य माल ढुलाई को युक्तिसंगत बनाया है, जिससे राज्यों के भीतर दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इस पहल ने एक राज्य के भीतर पेट्रोल या डीजल की अधिकतम और न्यूनतम खुदरा कीमतों के बीच के अंतर को भी कम कर दिया है। देश भर में 10.33 करोड़ से अधिक पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलिंडर उपलब्ध कराये गये। कुछ राज्य सरकारें एलपीजी रिफिल पर कुछ अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रही हैं और अपने संबंधित बजट से अतिरिक्त लागत वहन कर रही हैं।

तेल और गैस पीएसयू ने पहले ही नेट जीरो स्टेटस के लिए अपनी लक्ष्य तिथियों की घोषणा कर दी है और इसके लिए योजनाएं विकसित की हैं। पर्यावरण सम्बन्धी चिंताओं को दूर करने और देश के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे अपने संचालन और मूल्य शृृंखला को डीकाबोर्नाइज करने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं इथेनॉल मिश्रण, संपीड़ित जैव गैस (सीबीजी) और बायोडीजल, स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना, गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।

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