Kashmiri Pandit (कश्मीरी पंडित) राहुल भट्ट की हत्या में शामिल तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने 24 घंटे के अंदर 13 मई को ढेर कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने राहुल की मौत की जांच के लिए SIT गठित कर दी है। उधर, कश्मीरी पंडितों में लगातार निशाना बनाकर हो रहे हमलों से खौफ फैल गया है। इस टारगेट किलिंग के विरोध में 350 सरकारी कर्मचारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इन लोगों का कहना है कि घाटी में कश्मीरी पंडित सुरक्षित नहीं है। रोज इसकी बानगी देखने को मिलती है। सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने के वादे तो करती है, लेकिन वो जमीन पर दिखाई नहीं देते। ऐसे में हम कश्मीर में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कल से ही चल रहा था सर्च ऑपरेशन
गुरुवार को आतंकियों ने बड़गाम जिले के चडूरा तहसील ऑफिस में घुसकर क्लर्क राहुल को शूट कर दिया था। इसके बाद राहुल ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। घटना के बाद से ही इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इसी बीच पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम को जानकारी मिली कि बांदीपोरा के बरार इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। शुक्रवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर हुआ। इसमें राहुल की हत्या में शामिल तीनों आतंकी ढेर हो गए।
24 घंटे के अंदर दो सरकारी कर्मचारियों की हत्या कश्मीरी पंडितों में बढ़ी नाराजगी
बता दें कि कश्मीर में 24 घंटों के अंदर हत्या की दो घटनाएं सामने आई हैं। गुरुवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या हुई थी। शुक्रवार को पुलवामा के गुदूरा में आतंकियों ने SPO रियाज अहमद थोकर पर फायरिंग कर दी, अस्पताल में उनकी मौत हो गई। DIG दक्षिण कश्मीर रेंज अब्दुल जब्बार ने बताया कि रियाज छुट्टी पर था और अपने बच्चे की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। इस दौरान दो अज्ञात बाइक सवारों ने उस पर कथित तौर पर गोलियां चला दीं।