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UP : फिर बिगड़े ओमप्रकाश के बोल, कहा – हम नहीं हैं भाजपा के गुलाम, चाहे जो हो जाए

UP : फिर बिगड़े ओमप्रकाश के बोल, कहा – हम नहीं हैं भाजपा के गुलाम, चाहे जो हो जाए

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Azamgarh news, UP news :  पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के एक बार फिर बिगड़े बोले सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के गुलाम नहीं हैं। हम भाजपा के सहयोगी हैं और वह हमारा सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के 77 साल बीत चुके हैं, लेकिन वंचित, शोषित समाज को आज भी केवल वोट के लिए प्रयोग किया जाता है। आज हम उनकी भागीदारी मांगने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। देश का पिछड़ा वर्ग शोषित, वंचित रहकर सिर्फ लोगों की जेब में वोट बनकर पड़ा हुआ है। अब हमें जागना होगा। भागीदारी की लड़ाई मजबूती से लड़ना होगा। ओमप्रकाश राजभर जातीय गणना कराकर ही दम लेगा, इसके लिए चाहे जितनी लड़ाई लड़नी पड़े।

अपनी तारीफ में खूब कसीदे पढ़े

अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र के बहेरा ग्रामसभा में भागीदारी सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपनी तारीफ में खूब कसीदे पढ़े। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारों का डिबेट बिना ओमप्रकाश राजभर का नाम लिए नहीं होता। शेर पढ़ा कि खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तदबीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे कि बता तेरी रजा क्या है। कहा कि इसका जीता-जागता उदाहरण ओम प्रकाश राजभर है। हमने 2022 में किसी अन्य पार्टी के साथ चुनाव लड़ा, लेकिन हमारी मजबूती और ताकत देखकर देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को ओमप्रकाश राजभर को बुलाकर पूछना पड़ा बता तेरी रजा क्या है।

बिन मांगे मोती मिलता है, मांगे पर भीख नहीं

आज ओमप्रकाश कैबिनेट मंत्री है। कहा कि बिन मांगे मोती मिलता है, मांगे पर भीख नहीं मिलती। हमारी ताकत का उदाहरण है कि अभी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हमको बुलाया और 22 मिनट तक बात किये और कहा कि ओमप्रकाश धरातल पर काम करते हैं। भाजपा में ओमप्रकाश राजभर के संगठन और काम करने की क्षमता की चर्चा है। शिक्षा, स्वास्थ्य में हम अपना हक लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि शोषित वंचित अपनी पढ़ी-लिखी बहू बेटियों को राजनीति में उतारें, जिससे वह देश के संसद और विधानसभा में नेतृत्व करें। कहा कि एक साल के भीतर ग्राम पंचायत स्तर पर 224 योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा, किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमने अपने विभाग के अधिकारियों की फौज को जमीन पर उतार दिया है। वह सप्ताह भर गांव में चौपाल लगाने का काम करेंगे और समस्याओं के निपटारा का भी जमीनी स्तर पर किया जाएगा।

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