Uttar Pradesh के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा कांड का मुख्य आरोपी (Main accused) और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी बेटे आशीष मिश्र मोनू को 15 February जेल से बाहर आ गया। 128 दिन जेल में रहकर वह बाहर आया है। जेल प्रशासन ने दोपहर में रिहाई के आदेश प्राप्त होने के बाद जमानती कार्यवाही शुरू की। इसके बाद देर शाम आशीष मिश्र ‘मोनू’ को तीन लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
जेल के पिछले द्वार से निकला आशीष
14 February को जिला जेल में आशीष मिश्र के जमानत आदेश के संबंध में जमानतदार दाखिल किए गए थे। इनकी सत्यापन रिपोर्ट मंगलवार को जिला जज अदालत में प्राप्त होने पर जिला जज मुकेश मिश्रा ने जमानत प्राप्त आशीष मिश्र मोनू की रिहाई का आदेश जिला कारागार खीरी को भेज दिया। इसी आदेश के आधार पर आशीष मिश्र को जमानत पर रिहा कर दिया गया। आशीष मिश्र मीडिया को चकमा देते हुए जेल के मुख्य द्वार से निकलने के बजाय पिछले द्वार से निकल गया और सफेद कार में अपने घर पहुंच गया। जब वह घर पहुंच गया तब जाकर मीडिया वालों को पता चल सका कि उसकी रिहाई हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा संयुक्त किसान मोर्चा
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्र की रिहाई पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। टिकैत ने विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा पर निशाना भी साधा है। कहा कि हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। लखीमपुर खीरी प्रकरण को पूरे देश ने देखा। इस जघन्य अपराध को करने के बाद भी आशीष मिश्र को जमानत मिल गई। हर कोई इसे देख रहा है।