India (भारत) जैसे देश की अर्थव्यवस्था पर मौसम का भी व्यापक असर माना जाता है। कृषि व्यवस्था कई अर्थों में मानसून पर निर्भर करती है। यह सही है कि कोरोना ने हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत प्रभावित किया है। अब धीरे-धीरे इससे उबरने की स्थिति है और इस बीच यह सुखद खबर है कि मौसम वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया है कि इस साल भी देश में सामान्य मानसून रहेगा। बेशक इस साल मार्च 4 अप्रैल में ही गर्मी ने तबाही जैसी स्थिति पैदा कर दी लेकिन मॉनसून का सामान्य रहना सुखद बात है। मानसून के चार महीनों जून से सितंबर के लिए सामान्य बारिश 868.6 मिमी (87 सेमी) तय की गई है। इस प्रकार पूर्वानुमान के अनुसार, बारिश 833-902 मिमी के बीच हो सकती है। चार महीनों में सामान्य के 96-104 फीसदी तक बारिश होने की संभावना है।
लांग पीरियड मॉनसून फोरकास्ट
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने 14 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीर्घावधि मानसून पूर्वानुमान जारी किया। मालूम हो कि पिछले तीन सालों के दौरान मानसून सामान्य या सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है। लगातार चौथे साल भी इसके सामान्य रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के इर्द-गिर्द तापमान में कमी दर्ज की गई है, जिससे वहां ला नीना स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, जो भारतीय मानसून पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इतना ही नहीं वहां पर ला नीना स्थितियां समूचे मानसून सीजन के दौरान कायम रहने की भी संभावना है। बता दें कि हर साल मौसम विभाग कई पूर्वानुमान मॉडलों का इस्तेमाल कर मानसून का पूर्वानुमान जारी करता है, जिससे कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में नीति निर्धारण में मदद मिलती है। हाल के वर्षों में पूर्वानुमानों की सटीकता में लगातार सुधार भी दर्ज किया गया है।
औसत बारिश के निर्धारण का तरीका
महापात्रा ने कहा कि मानसून के चार महीनों के लिए औसत बारिश 87 सेमी का निर्धारण 1971-2020 तक हुई बारिश के आंकड़ों के आधार पर किया गया है। पिछले साल तक 2010 तक के आंकड़ों का इस्तेमाल हो रहा था, जिसमें औसत बारिश 88 सेमी तय की गई थी। अब इसमें एक सेमी की कमी कर नये सिरे से निर्धारण किया गया है।
मानसून के दस्तक देने का समय
मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के देश में आगमन की सामान्य तिथि 1 जून है। मानसून सबसे पहले इस तिथि को केरल में दस्तक देता है। इसके बाद आगे बढ़ता है। लेकिन इस बार मानसून कब दस्तक देगा, इसकी भविष्यवाणी हर वर्ष की भांति 15 मई के आसपास की जाएगी।
जून में नए सिरे से जारी होगा पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने कहा कि विभाग जून की शुरुआत में नये सिरे से पूर्वानुमान जारी करेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि देश के किस हिस्से में कितनी बारिश होने की संभावना है। अभी जो पूर्वानुमान जारी किया गया है, वह पूरे देश में मानसून की कुल बारिश को लेकर है।
27 मार्च से 11 अप्रैल तक भीषण गर्मी
महापात्रा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हाल में पड़ी देश में भीषण गर्मी का सीधे तौर पर मानसून पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। 27 मार्च से 11 अप्रैल के बीच गर्मी का भीषण दौर चला है,लेकिन यह स्थिति पहली बार नहीं हुई है। 2017 और 2019 में भी ऐसी स्थिति देख चुके हैं। इतना जरूर है कि इस बार यह अवधि थोड़ी लंबी थी।