Bijapur : छत्तीसगढ़ बीजापुर जिले के थाना उसूर क्षेत्र अंर्तगत ग्राम पेरमपल्ली में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी है। मृतकों के परिजन नक्सली भय के चलते अब तक पुलिस के पास शिकायत दर्ज नहीं करायी हैं। वहीं, हत्या की सूचना के बाद बुधवार को पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर रही है। बीजापुर एएसपी चन्दकांत गोवर्ना ने बताया कि नक्सली नेता वेल्ला और उसके साथ आये नक्सलियों ने मंगलवार की शाम 05 बजे उसूर ब्लॉक के पेरम्पली गांव से ग्रामीण कवासी हूंगा का अपहरण किया। इसके बाद धारदार चाकू से हत्या कर वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। बीते 17 जून को नक्सलियों ने बीजापुर पेद्दाकोरमा गांव में आत्मसमर्पित नक्सली के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इस वारदात में एक नाबालिग छात्र सहित तीन लोगों झींगु मोडियम, सोमा मोडियम और अनिल माड़वी की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इनके अलावा नक्सलियों ने सात ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की थी और उनको घायल अवस्था में छोड़ दिया गया। साथ ही, नक्सलियों ने दर्जनभर ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था। नक्सलियों के हाथों मारे गये दो ग्रामीण, जिनमें आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेता दिनेश मोडियम के रिश्तेदार बताये गये थे। फिलहाल, बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगातार ग्रामीणों की हत्या की वारदात को अंजाम देने का सिलसिला जारी है।
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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने लगाया प्रेशर आईईडी, विस्फोट से ग्रामीण गम्भीर
बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के मद्देड़ थाना क्षेत्र अंर्तगत सिराकोंटा-दंपाया के मध्य स्थित जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाये गये प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से बुधवार को एक ग्रामीण विशाल गोटे (32 वर्ष) निवासी पेगड़ापल्ली के पैर के चिथड़े उड़ गये। जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज में उसका उपचार जारी है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी है। बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है। बीजापुर एएसपी ने बताया कि अनुसार ग्राम पेगड़ापल्ली निवासी ग्रामीण विशाल गोटे सिराकोंटा-दंपाया के जंगल से फुटू (प्राकृतिक मशरूम) निकालने के लिए गया था। लेकिन उस इलाके में नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले से ही प्रेशर आईईडी प्लांट कर रखी हुई थी। इस दौरान ग्रामीण का पैर प्रेशर आईईडी पर आ गया, जिससे जोर का धमाका हुआ। प्रेशर आईईडी के विस्फोट में ग्रामीण के पैर के चिथड़े उड़ गये। जिस समय धमाका हुआ उस समय गांव के कुछ और ग्रामीण भी वहां मौजूद थे। धमाके की आवाज सुन कर वे सभी मौके पर पहुंच गये। इसके बाद ग्रामीणों ने घायल को पहले मद्देड़ अस्पताल लाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल और फिर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है।
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पद्म पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई
नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किये जानेवाले प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन और सिफारिशें आमंत्रित की गयी हैं। ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो चुकी है। इच्छुक नागरिक 31 जुलाई 2025 तक अपना नामांकन या सिफारिश राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार, नामांकन के साथ एक संक्षिप्त विवरण और अधिकतम 800 शब्दों का विवरणात्मक उद्धरण देना आवश्यक है, जिसमें नामांकित व्यक्ति की प्रभावशाली उपलब्धियों या सेवा का स्पष्ट उल्लेख हो। नामांकन प्रक्रिया, दिशा-निर्देश और अन्य विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट तथा पद्म पुरस्कार पोर्टल पर उपलब्ध हैं। पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री) देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में गिने जाते हैं। वर्ष 1954 में आरम्भ किये गये ये पुरस्कार हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किये जाते हैं। इनका उद्देश्य कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, समाज सेवा, खेल, इंजीनियरी, सिविल सेवा, उद्योग आदि क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण योगदान देनेवाले व्यक्तियों को सम्मानित करना है। वर्तमान सरकार ने पद्म पुरस्कारों को ‘पीपल्स पद्म’ बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत अब कोई भी नागरिक किसी योग्य व्यक्ति को नामांकित कर सकता है, यहां तक कि स्वयं का नामांकन भी किया जा सकता है। खासकर महिलाओं, वंचित वर्गों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, दिव्यांगजनों तथा समाज के लिए नि:स्वार्थ सेवा कर रहे लोगों को प्रमुखता देने की अपील की गयी है। हालांकि, सरकारी सेवकों को यह पुरस्कार नहीं दिया जाता, लेकिन चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को इस नियम से छूट प्राप्त है। सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत शेष सरकारी कर्मचारियों को पुरस्कार के लिए पात्र नहीं माना गया है।
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ओड़िशा में दलित युवकों से बर्बरता पर एनएचआरसी ने लिया संज्ञान, राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
नयी दिल्ली : ओड़िशा के गंजाम जिले में दो दलित युवकों के साथ हुई कथित बर्बरता के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेज कर दो हफ्ते के अन्दर जवाब मांगा है। मीडिया में इस घटना की खबर आने के बाद एनएचआरसी ने इसे मानवाधिकारों का गम्भीर उल्लंघन माना है। आयोग ने कहा है कि अगर रिपोर्ट में बतायी गयीं बातें सही निकलती हैं, तो यह एक गम्भीर अपराध है। एनएचआरसी ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि वह रिपोर्ट में बताये कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी और पीड़ितों को कोई मुआवजा दिया गया है या नहीं ?
उल्लेखनीय है कि ओड़िशा के गंजाम जिले के खारीगुम्मा गांव में 26 जून को बुलु नायक और बाबुला नायक नाम के दो दलित युवक गाय खरीद कर अपने गांव सिंगीपुर लौट रहे थे। तभी रास्ते में कुछ ग्रामीणों ने उन्हें मवेशी तस्करी के शक में पकड़ लिया। इसके बाद उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया गया। दोनों को न केवल बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उन्हें अपमानित भी किया गया। ग्रामीणों ने उनके मोबाइल फोन छीन लिये, उन्हें घास खाने और नाले का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर किया। उनका आधा सिर भी जबरन मुंडवा दिया गया और घुटनों के बल करीब दो किलोमीटर तक चलवाया गया।
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