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पड़ोसी का फर्ज : आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका में भारत ने भेजा 40,000 टन डीजल, और भी मदद…

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India (भारत) ने पड़ोसी होने का फर्ज गंभीरता से निभाया है। पड़ोसी देश श्रीलंका आर्थिक संकटों से जूझ रहा है। वहां इमरजेंसी लागू है। लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो रही है। इस बीच अपना उदारवादी चरित्र दिखाते हुए भारत ने मदद के रूप में 2 अप्रैल को 40,000 टन डीजल श्रीलंका भेजा है। सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष सुमित विजेसिंघे ने कहा कि ईंधन का वितरण आज से ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीलंका भर में सैकड़ों ईंधन स्टेशनों के लिए यह अच्छा समाचार है, जहां पिछले कुछ दिनों से इसकी आपूर्ति नहीं थी।

40,000 टन चावल भेजने की भी तैयारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 40 हजार टन चावल की खेप भी भारत से श्रीलंका भेजने के लिए तैयार की जा रही है। दोनों देशों ने पिछले महीने 1 बिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भारत की ओर से श्रीलंका को यह पहली बड़ी खाद्य सहायता होगी। माना जा रहा है कि इस मदद से श्रीलंका में सरकार खाद्य कीमतों में कमी लाने में कुछ हद तक सफल होगी, जो पिछले एक साल में दोगुनी हो गई है।

शुरू है कंटेनर्स लोडिंग

पट्टाभि एग्रो फूड्स के प्रबंध निदेशक बीवी कृष्ण राव ने बताया कि हम पहले कंटेनर्स लोड कर रहे हैं। पोत-लोडिंग की प्रक्रिया कुछ दिनों में शुरू होगी। फर्म भारतीय और श्रीलंकाई सरकारों के बीच हुए एक क्रेडिट सुविधा समझौते के तहत श्रीलंका स्टेट ट्रेडिंग (जनरल) कॉर्प को चावल की सप्लाई कर रही है।

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