– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

IDEA OF NEW INDIA : रेड फोर्ट से औरंगजेब और सिख इतिहास का स्मरण कराएंगे पीएम मोदी, मकसद…

here is why pm modi chose red fort for guru tegh bahadur s 400th birth anniversary 1650427138

Share this:

India is a country of diversities and many ideas. भारत विविधताओं और बहुत तेरे विचारों का देश है। हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख पंथ के नौवें गुरु तेगबहादुर के प्रकाश पर्व के मौके पर 21 अप्रैल को लाल किले से देश को संबोधित करेंगे। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है। 400वें प्रकाश पर्व पर सबद कीर्तन के लिए 400 ही रागियों को आमंत्रित किया गया है। इसका अपना प्रतीकात्मक महत्व है। सबसे अहम बात गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व पर लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन है। सिख इतिहास के जानकार मानते हैं कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रवाद और सिख इतिहास पर एक संदेश देने का प्रयास है।

इतिहास को नए आइडिया से मथने की कोशिश,RSS का है बड़ा एजेंडा

भारत के इतिहास को बहुत सीधी रेखा में देखना बड़ी भूल होगी। यह जटिलताओं के संजाल का ऐसा बड़ा आईना है, जिसमें समय-समय पर बहुत कुछ नए आइडिया के साथ देखा जा सकता है। इसी पर आज के समय में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फोकस कर रहा है और अपने नए आइडिया के हिसाब से भारत को देखने और उसके इतिहास को मथने की ओर बढ़ रहा है। लाल किले पर इस बार 21 अप्रैल को होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को किसी की एक झलक के रूप में देखा जा सकता है। लाल किले पर आयोजन के महत्व को बताते हुए संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन कहते हैं कि मुगलों ने लाल किले पर गुरु तेग बहादुर को फांसी देने का आदेश दिया था। गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे। उन्होंने काश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया था। 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम स्वीकार करने को कहा, जिस पर गुरु तेग बहादुर ने कहा कि सीस कटा सकते हैं केश नहीं। इसके बाद औरंगजेब ने तेग बहादुर का सिर काट दिया था। गुरु तेग बहादुर को समर्पित दिल्ली के चांदनी चौक का गुरुद्वारा शीशगंज गुरुद्वारा साहिब के नाम से जाना जाता है,क्योंकि लाल किले के पास इसी जगह पर औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर का सिर काटा था।

वर्तमान कार्यक्रम का नया महत्त्व

बता दें कि लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री द्वारा हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करने की प्रथा रही है। इस बार पीएम मोदी गुरु तेग बहादुर की जयंती पर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे। इसके कई मायने हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। इसके अलावा दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन बुधवार को सबद कीर्तन में 400 रागी प्रस्तुति देंगे। गुरु तेग बहादुर के जीवन, संघर्ष और वीरता को प्रदर्शित करने वाला 15 मिनट का लाइट एंड साउंड शो भी होगा। समारोह के पहले दिन 20 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह स्मारक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सबद कीर्तन में करीब 400 बच्चे हिस्सा लेंगे। वह लाल किले में मल्टीमीडिया शो ‘द लाइफ एंड सैक्रिफाइस ऑफ श्री गुरु तेग बहादुर जी’ का भी उद्घाटन करेंगे।

Share this:




Related Updates


Latest Updates