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गैस की परेशानी होने पर रैनटैक खाने वाले हो जाएं सावधान, क्योंकि यह दवा दे सकती है गंभीर बीमारी, भारत सरकार ने 26 दवाओं को सूची से इसे हटाया

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Medical alert news :  बहुत लोगों की प्रवृत्ति होती है कि वे गैस की हल्की सी परेशानी होने पर भी रैनटैक की गोली खा लेते हैं। लेकिन इस दवा का इस्तेमाल करने वाले अब सावधान हो जाएं। थोड़ी देर की राहत देने वाली यह दवा आपको गंभीर बीमारी से ग्रसित कर सकती है। इस दवा के साइड इफेक्ट को देखते हुए इंडियन गवर्नमेंट ने रैनटैक समेत 26 दवाओं को आवश्यक दवाओं की सूची से हटा दिया है। अगर आप एंटासिड रैनिटिडीन के नियमित उपभोक्ता हैं तो सावधान हो जाइए। बाजार में यह ज़ांटैक के नाम से भी चर्चित है। इस दवा को भारत सरकार ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची – 2022 में हटा दी है। इसकी वजह है रैनटैक का शरीर पर व्यापक साइड इफेक्ट। इन दवाओं पर किए गए शोध से यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

इन दवा को बेचने और खरीदने की मनाही

अब रैनटैक समेत 26 दवाओं के सेवन करने और बेचने की मनाही होगी। रैनटैक- 150 टैबलेट एक दवा है जो पेट में बनने वाले एसिड को कम करती है। इसका उपयोग दिल में जलन, अपच और पेट में बहुत अधिक एसिड के कारण होने वाले अन्य लक्षणों की रोकथाम के लिए किया जाता है। इसका उपयोग पेट के अल्सर, रिफ्लेक्स डिजीज वह  कुछ दुर्लभ स्थितियों की रोकथाम के लिए भी अब तक होता आया है। 

​रैनटैक पर शोध में पाया गया कैंसर का जोखिम

गौरतलब है कि निटिडिन को 1981 में पेश किया गया था। तब से अब तक यह जीईआरडी से संबंधित स्थितियों के लिए बाजार में सबसे अधिक मांग वाली दवाओं में से एक है। एक शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में 222 मिलियन रोगियों के इलाज के लिए यह दवा तैयार की गई थी। इसे 120 से ज्यादा देशों में बेचा जाता है। परंतु 2019 में रैनिटिडीन के नमूनों में खतरनाक तत्व एन- नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (ndma) पाया गया था। 

एनडीएमए बॉडी को ऐसे करता है प्रभावित

एनडीएमए मानव के लिए विषैला होता है। इस यौगिक के अत्यधिक संपर्क से मानव शरीर को कई बड़े नुकसान हो सकते हैं। यह N-ni-trosamines का एक सदस्य है, जो शक्तिशाली कार्सिनोजेन्स है। अमेरिकी एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनडीएमए के संपर्क में आने से लीवर खराब हो जाता है। यह पेट में ऐंठन, बढ़े हुए लीवर, यकृत, गुर्दे वह फेफड़ों को शिथिल कर देता है। इससे दवा सेवन करने वाले को चक्कर आने की समस्या के साथ-साथ शरीर सुस्त हो सकता है। एनडीएमए एक पर्यावरणीय संदूषक है। यह मांस, डेयरी उत्पादों और सब्जियों सहित पानी और खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यूएस एफडीए इसे एक संभावित कैंसर का जिम्मेदार मानता है। कई पशु अध्ययनों में एनडीएमए के कैंसरकारी प्रभावों को देखा भी गया है।

​ये 26 दवाओं आवश्यक दवा की सूची से हटाई गईं 

अल्टेप्लेसएटेनोलोल, ब्लीचिंग पाउडर, कैप्रोमाइसिन, सेट्रिमाइड, क्लोरफेनिरामाइन, दिलोक्सैनाइड फ्यूरोएट, 

डिमेरकाप्रोलो, एरिथ्रोमाइसिन, एथिनिल एस्ट्राडियोल, एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी), गैनिक्लोविर

कनामाइसिन,  लैमिवुडिन (ए) + नेविरापीन (बी) + स्टावूडीन (सी), लेफ्लुनोमाइड, मेथिल्डोपा, निकोटिनामाइड, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी, पेंटामिडाइन, प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी), प्रोकार्बाज़िन

रैनिटिडीन, रिफाब्यूटिन, स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी), सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम।

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