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मां दुर्गे की आभा से दमक रही राजधानी रांची, महानवमी आज, राज्यभर में उत्साह चरम पर

मां दुर्गे की आभा से दमक रही राजधानी रांची, महानवमी आज, राज्यभर में उत्साह चरम पर

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Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Navratri, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious : शारदीय नवरात्र इस वर्ष पूरे नौ दिनों के हुए हैं। इस कारण मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा हर एक दिन के हिसाब से हो रही है। महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि अष्टमी पूजन से सभी दुख दूर होते हैं और सुख की प्राप्ति होती है। रविवार को महाअष्टमी के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों ने जगत जननी मां जगदम्बा की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। सोमवार को महानवमी की पूजा होगी। इसे लेकर यत्र तत्र सर्वत्र उत्साह चरम पर है।

नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्त्व

शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना के पर्व नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्त्व है। इन दिनों देशभर में शारदीय नवरात्र की धूम मची हुई है। अपने झारखंड में भी अनेक स्थानों पर दुर्गा पूजा की भव्यता देखते ही बन रही है। राजधानी रांची शक्ति की भक्ति में लीन है। माता के जयकारे से शहर का कोना-कोना गूंज रहा है। चारों ओर भक्ति की बयार बह रही है। हर व्यक्ति देवी की भक्ति में मगन है। घर-घर देवी की उपासना के अलावा मंदिरों में भी जम कर भक्तिरस बरस रहा है। सुबह से ही भक्तों की भीड़ शहर के देवी मंदिरों में लगी रही। दोपहर तक पूजा-अर्चना का दौर चलने के बाद शाम होते ही देवी के भक्ति गीतों की मधुर ध्वनि सुनाई देने लगी।

वातावरण को भक्तिमय बना रही आरती व घंटी

मां के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा पंडालों और मंदिरों में उमड़ पड़ी। शहर में चारों तरफ आरती और घंटी की ध्वनि वातावरण को भक्तिमय बना रही है। आम तौर पर पूजा-पंडालों में भक्तों की भीड़ सप्तमी से होती है, लेकिन इस साल षष्ठी से ही मंदिरों और पंडालों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु देर रात तक एक पंडाल से दूसरे पंडाल जाकर माता का दर्शन कर रहे हैं। इसके बाद लोग मेला का भी जम कर लुत्फ उठा रहे हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से हुई है, जबकि दुर्गा पूजा का भव्य आगाज 20 अक्टूबर से हुआ है, जिसका समापन 24 अक्टूबर मंगलवार को विजयादशमी अर्थात दशहरे के दिन रावण दहन के साथ होगा।  इसी दिवस को मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी विसर्जित होंगी। वैसे तो देशभर में शारदीय नवरात्र की धूम देखते ही बनती है, लेकिन पांच दिवसीय दुर्गा पूजा का नजारा पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा, त्रिपुरा, असम और अपने झारखंड में भी देखते ही बनता है। 22 अक्टूबर की महाअष्टमी तिथि नौ दिनों के अनुष्ठानवाले व्रतधारियों के लिए काफी महत्त्वपूर्ण रही, क्योंकि प्रथम और अंतिम दिन व्रत रखनेवाले लोग अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं। अपने राज्य की राजधानी रांची समेत राज्यभर में आज कन्या पूजन श्रद्धालु भक्तों ने किया। इस दिन बंगाली समुदाय के लोग मां दुर्गा को विशेष प्रार्थना अंजलि अर्पित करते हैं। 

इन पंडालों में उमड़ रही भीड़

रांची के सबसे ज्यादा भीड़ बकरी बाजार, राजस्थान मित्र मंडल, रातू रोड आरआर स्पोर्टिंग क्लब, सत्य अमर लोक, हरमू पंच मंदिर, बांधगाड़ी,गीतांजलि क्लब मोरहाबादी, त्रिकोण हवन कुंड सुभाष चौक, सत्य अमरलोक हरमू रोड, हर्षनाथ शाहदेव दुर्गा पूजा कटहल मोड़, मां भवानी युवा क्लब पिस्का मोड़ श्री श्री दुर्गा पूजा समिति, सेक्टर 3 धुर्वा, विशाल क्लब मल्लाह टोली मेन रोड,मां भवानी क्लब लटमा, सिंह मोड़ हटिया, वृंदावन कॉलोनी चिरौंदी, ज्योति संगम दुर्गा पूजा मारवाड़ी स्कूल, हिन्दपीढ़ी पूजा कमेटी, श्री श्री देवी मंडप दुर्गा पूजा समिति रातू, नामकुम नवयुवक संघ, हटिया रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति, सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति, डोरंडा, श्री श्री नवयुवक संघ दुर्गा पूजा समिति नीचे बाजार, गुदरी, युवा विकास दुर्गा पूजा राजभवन, सनातन नवयुवक संघ, हिनू, यंग मोनार्क दुर्गा पूजा, बरियातू, शिवालय दुर्गा पूजा समिति, हेहल इटकी रोड, श्री श्री बांधगाड़ी दुर्गा पूजा दीपाटोली, एचबी रोड, नवयुवक संघ दुर्गा पूजा लोअर चुटिया, जगन्नाथ नगर दुर्गा पूजा सेक्टर 2 राजेंद्र भवन, धुर्वा, कला संगम ढिबरी बाजार, देवी मंडप दुर्गा पूजा एदलहातु, मोरहाबादी में देखी जा रही है। दुर्गा पूजा समिति द्वारा पंडाल के साथ आसपास की सड़कों की भी सजावट की गयी है। जगह-जगह तोरण द्वार बनाये गये हैं, जिस पर इलेक्ट्रिक लाइट की कलाकृति की गयी है।

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