Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

Dharm adhyatm : छठ व्रत का मिलेगा पूरा फल, रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो भगवान हो जाएंगे नाराज

Dharm adhyatm : छठ व्रत का मिलेगा पूरा फल, रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो भगवान हो जाएंगे नाराज

Share this:

Dharma – Karma, Spirituality, Astrology, chath puja, Dharm – adhyatm, dharm adhyatm, religious : हिन्दू पंचाग के अनुसार छठ महापर्व की शुरुआत शुक्रवार से हो गयी है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तारीख से शुरू होता है। नहाय-खाय से इसकी शुरुआत होती है। 20 नवम्बर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही इस महापर्व का समापन होगा। छठ महापर्व के दौरान विधि विधान और नियमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। छठ में शामिल होने से पहले उनसे जुड़े महत्त्वपूर्ण नियमों और कुछ ध्यान देनेवाली बातों को जान लेना चाहिए। महापर्व छठ अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता है। यदि हम इसे नजरअंदाज करेंगे तो सूर्य देव भक्तों पर नाराज हो जाते हैं।

छठ पूजा की सूची

छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय है जो शुक्रवार 17 नवम्बर को सम्पन्न हुआ। दूसरे दिन शनिवार 18 नवम्बर को खरना संध्या बेला आयोजित होगा। इसके बाद प्रथम अर्घ्य 19 नवम्बर रविवार के दिन होगा। 20 नवम्बर को व्रती दूसरा अर्घ्य देकर पारण करेंगी, जो कि 20 नवम्बर अर्थात सोमवार के दिन होगा।

पवित्रता का रखें विशेष ध्यान

यह ऐसा पर्व है, जिसमें शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है। छठ की शुरुआत ही नहाय-खाय से होती है।इसके प्रसाद बनाते समय पवित्रता का पूरा ध्यान रखना होता है। किसी भी चीज को अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा खरना के दिन प्रसाद बनाते समय स्वच्छता का खास ध्यान रखना चाहिए। प्रसाद बनाने से पहले उस जगह को अच्छे से साफ कर लें। गंगाजल का छिड़काव भी कर दें। ऐसा करने से प्रसाद बनानेवाली जगह पवित्र हो जाती है।

इन बर्तनों का भूल कर भी ना करें इस्तेमाल

इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा में चांदी, स्टील, प्लास्टिक आदि बर्तनों का गलती से भी इस्तेमाल नहीं करें। छठ में मिट्टी के चूल्हे बर्तन का प्रयोग करें। दरअसल, ऐसा इसलिए, क्योंकि शास्त्रों में मिट्टी के बने चूल्हे और बर्तनों को पवित्र मानते हैं। साथ ही, इन मिट्टी के बर्तनों और चूल्हों को शुभता का प्रतीक मानते हैं।

अर्घ देने से पहले कुछ भी ना सेवन करें

चार दिनों तक चलनेवाले इस महापर्व छठ में व्रतियों को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी सेवन नहीं करना होता है। इस दौरान जमीन पर सोना और पूजा के ठीक 10 दिन पहले से ही अरवा चावल और सेंधा नमक का सेवन करना होता है। व्रती अगर इन नियमों का ध्यान रखती हैं, तो उन्हें व्रत का पूरा फल मिलता है और जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

Share this: