Why Holika and Holi dates are different this year. इस साल होलिका और होली की तिथियों को लेकर कई दिनों से ज्योतिष के आधार पर एक प्रकार से बहस चल रही। 17 मार्च को होलिका है, लेकिन होली 18 मार्च को मनाएं या 19 मार्च को, इसे लेकर ज्योतिषियों में मतभेद देखने को मिल रहे हैं। हम जानते हैं कि हमारे पर्व त्योहारों की तिथियों का आकलन जिस ज्योतिषीय विधि से की जाती है, उसका पुख्ता वैज्ञानिक आधार भी है। यह पहली बार नहीं हो रहा है कि होलिका के बाद 1 दिन का गैप देकर होली मनाई जा रही है।
उदयकालिक प्रतिपदा तिथि में 19 मार्च को खेली जाएगी होली
काशी पंचांग से यह जानकारी ज्योतिषियों के माध्यम से मिली है कि तिथि का यह अंतर कैसे हो रहा है। हम यह समझने और समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बार भी यह अंतर क्यों दिख रहा है। ज्योतिषीय मानदंड के आधार पर इस बार 17 March की आधी रात 12:57 बजे तक भद्रा रहेगा। 12:58 बजे के बाद होलिका दहन का समय है, इसलिए उदयकालिक प्रतिपदा तिथि में इस बार 19 मार्च को होली खेली जाएगी। 17 मार्च की दोपहर 1:00 बजे के बाद से पूर्णिमा है, जो अगले दिन शुक्रवार 18 मार्च की दोपहर तक रहेगी।
18 मार्च को समाप्त होगा होलाष्टक
वाराणसी पंचांग के आधार पर ज्योतिषियों का कहना है कि 18 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा। होलाष्टक में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। 17-18 दो दिन पूर्णिमा होने के कारण उदयकालिक प्रतिपदा तिथि में होली 19 मार्च को की मनाई जाएगी। इस बार होली में वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण देखा जा रहा है। मान्यता है कि वृद्धि योग में किए गए कार्यों से लाभ मिलता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्यों से पुण्य मिलता है। ध्रुव योग से चंद्रमा और सभी राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा होली पर इस साल बुध गुरु की युति से आदित्य योग का भी निर्माण हो रहा है।
18 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा
काशी पंचांग के आधार पर ज्योतिषाचार्य और मेरे मित्र अशोक तिवारी का कहना है कि पूर्णिमा 17 और 18 दो दिन है, इसलिए 18 मार्च को उदया तिथि में पूर्णिमा मिलने के कारण पूरे दिन पूर्णिमा मान्य होगी। इस दिन स्नान और दान की पूर्णिमा मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 2 दिन होने के कारण 18 मार्च को होली नहीं मनाई जा सकती। अगले दिन 19 मार्च शनिवार को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होली मनाई जाएगी।