Spiritual News : ऐसी मान्यता है कि फूल के बिना पूजा अधूरी रहती है। सनातन धर्म की बात करें तो यहां भगवान विशेष के लिए अलग-अलग रंग के फूल की महत्ता है। मां लक्ष्मी की बात करें तो उन्हें कमल का फूल खास पसंद है। खासकर दीपावली में इसकी उपयोगिता से हम और आप अच्छी तरह वाकिफ हैं। ज्योतिष शास्त्र में सफेद कमल के फूल को अत्यधिक पवित्र माना गया है। इसका संबंध नवग्रहों से बताया गया है। कहा जाता है कि भगवान को कमल का फूल चढ़ाने का मतलब स्वयं को भगवान के चरणों में अर्पित कर देना है। ऐसे भी भगवान विष्णु की नाभि से कमल पुष्प का उत्पन्न होना तथा उस पर विराजमान ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना करना कमल की महत्ता को स्वयं सिद्ध करता है। आइए कमल फूल की धार्मिक महत्ता के बारे में कुछ और जानें…।
√ मां लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दीवावली पर मां लक्ष्मी को कमल फूल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में आर्थिक समृद्धि आती है। नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
√ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर 27 दिनों तक लगातार मां लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाया जाए तो सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। वहीं एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में इस फूल को चढ़ाने से कारोबार, करियर और नौकरी में तरक्की मिलती है।
√ कमल पुष्प को ब्रह्मा, लक्ष्मी तथा सरस्वती ने आसन बनाया है। यज्ञों व अनुष्ठानों में कमल के पुष्पों को निश्चित संख्या में चढ़ाने का विधान शास्त्रों में भी वर्णित है।
√ कमल का पुष्प कीचड़ और जल में उत्पन्न होता है, लेकिन उसमें निर्लिप्त रहकर भी वह पवित्र जीवन जीने की प्रेरणा देता है। यह इस बात का प्रतीक है कि बुराइयों के बीच रहकर भी व्यक्ति अपनी मौलिकता तथा श्रेष्ठता बचाए रख सकता है।
√ बौद्ध धर्म के ललित विस्तार ग्रंथ में कमल को अष्टमंगल माना गया है। यही वजह है कि पूजन आदि में कमल पुष्प का विशेष महत्व है।