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शुरू हुआ खरमास, पूरे एक माह न करें कोई शुभ कार्य 

शुरू हुआ खरमास, पूरे एक माह न करें कोई शुभ कार्य 

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Kharmas has started, do not do any auspicious work for a whole month, dharm, religious, Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, dharm adhyatm : वैदिक पंचांग कहते हैं, जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास आरम्भ होता है। ऐसे में साल में दो बार खरमास लगता है। इस वर्ष 14 मार्च 2024 को 12 बज कर 23 मिनट पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर गये। ऐसे में मीन संक्रांति के साथ-साथ खरमास भी आरम्भ हो गया। जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जायेंगे, तो खरमास समाप्त हो जायेगा। इसे मलमास भी कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। आइए, जानते हैं खरमास कब से कब तक है। इसके साथ ही जानें पूरे एक माह क्या करें और क्या नहीं…।

कब से कब तक खरमास ?

वैदिक शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर गये हैं। इसके साथ ही खरमास आरम्भ हो गया। इसके बाद वह 13 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश कर जायेंगे और खरमास समाप्त हो जायेगा।

खरमास में नहीं होंगे मांगलिक कार्य

ज्योतिष के कथनानुसार, जब सूर्य गुरु की राशि ; यानी मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो गुरु काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।

खरमास के दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है। इसके अलावा नया बिजनेस, नया कार्य, नयी दुकान आदि खोलने की मनाही होती है।

खरमास के दौरान न करें ये काम

खरमास के दौरान शादी-विवाह या फिर उससे सम्बन्धित कोई भी काम ; जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने की मनाही होती है। माना जाता है कि खरमास के दौरान ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। खरमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं किया जाता है। इससे घर में दोष लगता है।

मलमास के दौरान नये व्यापार का आरम्भ नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि, ऐसा करने से नये कार्य में कोई न कोई मुश्किल उत्पन्न होती है और सफलता भी हासिल नहीं होती है। खरमास के दौरान मुंडन, छेदन, जनेऊ जैसे 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है।

खरमास के दौरान करें ये काम

✓खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य करना चाहिए। इसके लिए ताम्बे के लोटे में जल, सिन्दूर, लाल फूल और अक्षत डाल लें। 

✓मलमास के दौरान जप, तप और दान करने का विशेष महत्त्व है। इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।

✓खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

खरमास के दौरान गाय, ब्राह्मण आदि के सेवा-सत्कार जरूर करने चाहिए।

✓खरमास में पूरे एक माह में एक बार जरूर किसी न किसी तीर्थ स्थल पर जाना चाहिए।

खरमास में करें इन मंत्रों का जाप

ॐ सूर्याय नम:

ॐ घृणिं सूर्याय नम:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

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