Meeting someone is not a mere coincidence, there is a some reason behind it : मात्र संयोग नहीं किसी से मिलना, इसके पीछे होते हैं कारण। आपने देखा होगा कि राह चलते कोई अनजान व्यक्ति भी आपका ध्यान आकर्षित कर लेता है। उसके प्रति अपनापन सा अनुभव होता है। कई बार इसके उलट होता है। आप जिसे पहले से बिल्कुल नहीं जानते पर उसे देखकर नकारात्मक भाव आ जाता है। इसी तरह कोई व्यक्ति अनायास आकर आपकी कोई बड़ी सहायता कर देता, तो कभी कोई अनजान आपसे बिना कारण शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने लगता है। लोग सहज इसका कारण नहीं ढूंढ पाते हैं। सच यह है कि ये सब अकारण नहीं होता है। इन सभी का हमसे किसी रूप में कोई न कोई संबंध अवश्य होता है। यदि शांत मन से अपने ही जीवन पर दृष्टिपात करें तो इसकी सच्चाई का अनुभव करेंगे। लेख में इसी विषय पर चर्चा करूंगा।
सबसे बड़ा कारण हमारे कर्म व फल
लोगों के हमारे जीवन में आने का सबसे बड़ा कारण हमारा कर्म और उसका फल होता है। हमने कभी (पिछले जन्मों तक) किसी का भला या बुरा किया तो वे उस हिसाब को पूरा करने के लिए आते हैं। माता-पिता, पति-पत्नी, संतान, मित्र आदि सब भी इसी श्रेणी के हैं। उनसे गहरा संबंध होता है। इस लेख में इनके बदले ऐसे लोगों का जिक्र नहीं कर रहा हूं जो अल्प समय के लिए जीवन में आते हैं। कम समय में ही वे हम पर प्रभाव छोड़ जाते हैं। कई बार गंभीर समस्या में फंसे लोगों ने अनुभव किया होगा कि निराशा के अंधकार में अचानक कोई उनसे मिलता है और सहयोग कर उस भंवर से निकाल देता है। इसका संबंध भी कर्मफल के साथ हमारे विचार, योजना, जन्म, विशेष लक्ष्य, नियति, ईश्वरीय शक्ति आदि से होता है। इस पर बारी-बारी से प्रकाश डालूंगा। प्रारंभ जन्म और विशेष लक्ष्य से।
जन्म और विशेष लक्ष्य
मात्र संयोग नहीं किसी से मिलना। इसके पीछे पिछले जन्म के संबंध व कार्य और इस जीवन में किसी लक्ष्य की पूर्ति भी होती है। जीवन में हम सभी जाने कितने ही लोगों से मिलते रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग तो बस जीवन में आया राम, गया राम की तरह होते हैं। कुछ लोग थोड़े समय तो कुछ अधिक समय तक साथ रहते हैं। इनमें कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कम समय में ही जीवन में बड़ी भूमिका निभाकर चले जाते हैं। यह अकारण नहीं होता। पिछले जन्म से जुड़े ऐसे लोग उस कर्म का हिसाब बराबर करने आते हैं। इसी तरह कुछ लोग किसी विशेष प्रयोजन के समय अनायास जीवन में आकर उसे पूरा कराकर दूर चले जाते हैं। प्रायः लोग इस पर ध्यान नहीं देते लेकिन यह विचारणीय है। उस व्यक्ति की विशेष कार्य या लक्ष्य पूर्ति के लिए हमारे जीवन भूमिका रहती है।
आगे बढ़ाने या रोकने के लिए
कई बार कोई व्यक्ति थक कर या निराश होकर बैठ जाता है। तभी अचानक उसके जीवन में किसी का प्रवेश होता है। वह उसे पुनः आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उसे कर्म पथ पर खड़ा कर कहीं गुम हो जाता है। इसका अर्थ यही है कि वह उसे उद्देश्य की पूर्ति के लिए आगे बढ़ाने के लिए आता है। इसी तरह कई बार ऐसा व्यक्ति जीवन में आ जाता है जो उद्देश्य पूर्ति के मार्ग में बाधा डालता है। कभी प्रलोभन से तो कभी बरगलाकर। कई बार हतोत्साहित करके आगे बढ़ने से रोकने का प्रयास करता है। इसका कारण यह भी होता है कि व्यक्ति जिस मार्ग पर चल रहा है वह उचित नहीं है। कई बार अच्छे कार्य से रोककर प्रकृति की ओर से उसकी पात्रता की परीक्षा ली जाती है। ऐसे में थोड़ा रुक कर अपने निर्णय और कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार कर मार्ग निर्धारित करें।
भविष्य, नियति और ब्रह्मांडीय शक्ति
जीवन में कई बार किसी का मिलना भविष्य, नियति और ब्रह्मांडीय शक्ति के कारण होता है। मात्र संयोग नहीं किसी का यूं मिल जाना। कर्मों के अनुसार सब पहले से निर्धारित होता है कि कब कौन हमारे जीवन में आएगा। इसके पीछे कई कारण होते हैं जो स्वयं ब्रह्मांडीय शक्ति द्वारा रचित हैं। कुछ लोग भले ही कुछ पल के लिए हमारे जीवन में आएं लेकिन उनसे यह छोटी सी मुलाकात ही यह बताने के लिए काफी होती है कि हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है। वे हमारी आत्मा पर अपना गहरा प्रभाव डालते हैं। बस, ट्रेन, पार्क, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, कॉफी शाप या किसी भी स्थान पर कोई अचानक मिलता है। कुछ देर की बात में ही जीवन के गहरे रहस्य, लक्ष्य या विशेषता-कमजोरी बताकर खो जाता है। उसकी वह बात हमें दिशा दिखाकर और प्रेरित कर जीवन और भविष्य का निर्धारण कर देती है।