Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm : शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर कौन-सा फल, फूल, रस चढ़ायें और मनोकामना पूरी करें, इसके बारे में शिवपुराण की कथा में पंडित रामदेव पाण्डेय ने कहा कि प्रतिष्ठित शिवलिंग की पूजा कर आधि-व्याधि और सांसारिक सुख-शांति-समृद्धि पा सकते हैं। लेकिन, पूजन का समय निश्चित हो। दिन या रात जो भी हो, आधी रात को भी शिव की आराधना होती है।
क्या चढ़ाने और हवन करने से होता है लाभ
पीली सरसों, सरसों तेल, मिर्च, गोलकी से शत्रु का नाश होता है…मधु से भय की भागता है…ईख के रस, गुड़, शक्कर से आनन्द…गंगा जल से मुक्ति और भुक्ति…कुश तथा घी से निरोगिता…दुब घास से आयु वृद्धि…धतुरा और गेहूं से सन्तान के सभी सुख…तुलसी मंजरी और शम्मी से मुक्ति…आम मंजर से वैभव…कनेर फूल से रोग निवारण और शत्रु उच्चाटन…चमेली से वाहन…पशु का लाभ…हरसिंगार से सुख…बेलपत्र से सभी कामनाओं की पूर्ति…तिसी से प्रसन्नता…निर्गुण्डी आंवला से सुन्दरता… अकवन से स्वयं की आयु सुन्दर मिलती है। इस तरह कमल, बेलपत्र, कुश, शंखपुष्पी, कल्हार, सफेद उड़हुल, गुलाब, गेंदा, रातरानी, हरसिंगार, गजरा, क़दम, द्रोण, ईख, नारियल, अरहर, सात तरह के अनाज, गांजा, भांग, खजुर, ऋतु फल-फूल, पंचमेवा, पंच पलल्व, पंचामृत, भस्म आदि शिव को प्रिय है।