Teej parv : हरतालिका तीज सुहागिनों का बड़ा पर्व है। इसमें पति की दीर्घायु के लिए पत्नी व्रत रखती है। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा युवतियां और महिलाएं करती हैं। यह त्योहार उत्तर भारत और महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले इस त्योहार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। इसमें उनका संपूर्ण दिन उपवास में बीतता है।
मनवांछित वर की प्राप्ति
हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। वहीं, अविवाहित युवतियां मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। व्रती महिलाएं दिनभर अन्न-जल का त्याग करती हैं और केवल फल, दूध आदि का सेवन करती हैं। उनका मानना है कि माता पार्वती की तरह कठिन तपस्या से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
शिव और पार्वती की मूर्तियां की स्थापना
हरतालिका तीज के दिन पूजा के लिए एक पवित्र स्थान पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पूजा के दौरान महिलाएं विशेष व्रत कथा का श्रवण करती हैं, जिसमें माता पार्वती की कठिन तपस्या और भगवान शिव से उनके विवाह की कथा सुनाई जाती है। पूजा के बाद सामूहिक तीज गीत गाए जाते हैं और प्रसाद का वितरण किया जाता है।