Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm adhyatm, Religious : ग्रह की दिशा आपको कई स्तर पर प्रभावित करती है। यों कहें अगर दशा ठीक नहीं रही तो यह हमारा सुख-चैन छीन लेती है और अगर ठीक रही तो जीवन सुकून से कटता है। आज हम बात करेंगे बुध ग्रह की। अगर कुंडली में इस ग्रह की स्थिति खराब है, सुधरने का नाम नहीं ले रही है तो कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। अगर बुध की दशा सुधर गई तो करियर से लेकर बिजनेस तक में लाभ ही लाभ के अवसर बनते हैं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, अनिष्ट नहीं होगा
बुधवार को मां दुर्गा का ध्यान करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ऐसा करने से जीवन में किसी तरह का अनिष्ट नहीं होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से उस पाठ का पुण्यफल एक लाख पाठ के बराबर होता है।
हरी दाल का दान और सेवन करें
हरी दाल का दान और सेवन करने से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है और भगवान गणेश के साथ-साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। गाय को इन चीजों को खिलाने से भी जीवन के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं।
बुध ग्रह के मंत्रों का जप करें
बुधवार को बुध ग्रह के मंत्रों का जप करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करें
अगर आप आर्थिक समस्याओं या कर्ज से परेशान हैं तो हर बुधवार को ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आने लगती है। ध्यान रखें कि ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करने के बाद गणेश जी की आरती जरूर करें।
गणेश जी को शमी पत्ता अर्पित करें
हर बुधवार को गणेश जी को शमी पत्ता अर्पित करना चाहिए। अगर शमी के पत्ते नहीं मिल रहे हैं तो दूर्वा अर्पित कर सकते हैं। दूर्वा चढ़ाने से पहले ध्यान रखें कि 21 दूर्वा की एक गांठ बनाई जाती है और गणेश जी के मस्तक पर चढ़ाई जाती हैं। माना जाता है कि दूर्वा अर्पित करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
गाय को हरी घास या पालक का साग खिलाएं
बुधवार के दिन गाय को हरी घास या पालक का साग जरूर खिलाना चाहिए। ऐसा करने से 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद और ग्रह दोष पीड़ा भी दूर होती है। ध्यान रखें गाय को घास और हरा पालक कम से कम तीन महीने तक अवश्य खिलाएं। इसके बाद ही इसका फल मिलना शुरू होगा।
इस मंत्र का जाप 14 बार ही करें
बुध मंत्र का जाप 14 बार ही किया जाता है, जो इस प्रकार है- ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
ऊं बुं बुधाय नम: या फिर ऊं ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नम:
ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम। सौम्यं सौम्य गुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम।।