Narcotics यानी नशा का सामान। बिहार में शराबबंदी लागू है, तो पड़ोसी राज्यों से शराब के धंधे के तार जुड़ गए हैं। नशे के सामान का धंधा इतना व्यापक बना हुआ है कि इसके नेक्सस को तोड़ना पुलिस के लिए बहुत कठिन है। फिर भी पुलिस का तो काम ही कठिन होता है। अगर वह कठिन काम न करे तो फिर पुलिस की ड्यूटी का क्या मतलब। झारखंड की सिमडेगा पुलिस ने कुछ ऐसा किया है, जिससे उसकी मजबूत छवि का पता चलता है। गांजे की तस्करी में पकड़े जाने वाले तस्करों में बिहार और उत्तर प्रदेश के तस्करों की संख्या सबसे अधिक होती है। यह बेहद चिंताजनक है कि अब इस धंधे में महिलाओं का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया है। महिलाएं भी तस्करी में शामिल हो रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड की सिमडेगा पुलिस ने इंटर स्टेट नारकोटिक्स स्मगलर्स गिरोह का खुलासा किया है। यह गिरोह ओडिशा से गांजा की खेप झारखंड लाता है और फिर उसे बिहार के रास्ते दूसरे इलाकों में भेजता है।
स्कॉर्पियो में 44 केजी गाजे के साथ 4 तस्कर किए गए अरेस्ट
सिमडेगा पुलिस ने एक स्कॉर्पियो को जब्त किया है, जिसमें 44 किलोग्राम गाजा लदा था। पुलिस ने टुकूपानी के पास एनएच 143 पर वाहन चेकिंग के दौरान इस गाड़ी को पकड़ लिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सोमवार को UP 57 N 0377 नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका। पुलिस के रोकने पर ड्राइवर गाड़ी लेकर भागने लगा तो उसे खदेड़ कर पकड़ लिया गया। इस तस्कर गिरोह में महिलाएं भी शामिल हैं। जब्त किए गए स्कॉर्पियो में 2 पुरुष और 2 महिला सवार थे।
पुलिस ने सबको Arrest कर लिया है।
पुलिस को गुमराह करने का तरीका
गाड़ी में महिलाओं को इसलिए रखा जाता था, ताकि पुलिस को परिवार बताकर गुमराह किया जा सके। जिले की ठेठईटांगर थाना प्रभारी इंद्रेश कुमार ने बताया कि पुलिस को ओडिशा से गांजा की खेप लाए जाने की गुप्त सूचना मिली थी। इसी के आधार पर टुकुपानी के पास चेकिंग लगाई गई थी। कार्रवाई के दौरान गांजा की खेप को बरामद किया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि पकड़े गए चारों लोगों से पूछताछ की जा रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि तस्कर गांजा बिहार ले जा रहे थे। बिहार में पश्चिम चंपारण से लगे बॉर्डर से गांजा को नेपाल ले जाना था और नेपाल से इसे इंटरनेशनल मार्केट में सप्लाई करने की योजना थी।
इन तस्करों को पुलिस ने पकड़ा
पकड़े गए तस्कर बेतिया के बताए जा रहे हैं। इनकी पहचान राजेश यादव, भूलन यादव, कमरून खातून और फुल कुमारी देवी के रूप में हुई है। तस्करों ने बताया कि महिलाओं को ग्रुप में शामिल करने से धंधे में आसानी होती है, क्योंकि महिलाओं पुलिस या अन्य लोग अक्सर विश्वास कर लेते हैं।