Peta India ki report : जी हां अपने देश भारत में सिर्फ एक जानवर ऐसा है जिसके स्वामित्व की निजी व्यक्तियों को भी अनुमति है। अब आप जानना चाहेंगे वह जानवर कौन हैं तो मैं आपको बता दूं यह है हाथी। यही वजह है कि देश में सैकड़ों लोगों ने अथवा संस्थाओं ने हाथी को पाल रखा है। जंगली जानवरों पर काम करने वाली संस्था पेटा इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में कुल 2675 पालतू हाथी हैं, जबकि विभिन्न राज्यों द्वारा मात्र 1251 स्वामित्व प्रमाण पत्र ही जारी किए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह कि उत्तर प्रदेश, असम, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में लोगों और संस्थाओं ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धता बताते हुए 96% मामलों में हाथियों को बिना स्वामित्व प्रमाण पत्र के ही रखा हुआ है।
उपहार और दान की आड़ में स्थानांतरित किए जा रहे हैं हाथी
पेटा इंडिया के अनुसार वन्य जीवन संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 की धारा 45 एक में हाथियों सहित सभी जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इससे इतर उपहार और दान की आड़ में हाथियों का जहां हस्तांतरण हो रहा है, वहीं इसका वाणिज्यिक इस्तेमाल भी किया जा रहा है। यहां तक की पालतू हाथियों को जंजीरों में बांधकर पीटा जाता है और विभिन्न कामों में उनका इस्तेमाल किया जाता है। संस्था ने इसे केंद्र में रखकर संशोधन विधेयक को अमलीजामा पहनाने की अपील सांसदों से की है।
निचले सदन से 2021 में पारित हो चुका है संशोधन विधेयक
बताते चलें कि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश वन्य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक निचले सदन द्वारा अगस्त में पारित कर दिया गया था। अब यह राज्यसभा में बारिश होने का इंतजार कर रहा है क्योंकि वन्यजीव कार्यकर्ता दीदी की धारा 45 में किए गए संशोधन की आलोचना कर रहे हैं जो कि हाथियों को धार्मिक या किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। बाहर हाल बेटा ने संसद सदस्यों से अनुरोध किया है कि वह राष्ट्रीय धरोहर पशु को कुर्ता से बचाने के लिए वन्यजीव कानून में संशोधन के अवसर का उपयोग करें।