Sanatan (सनातन) धर्म में सभी प्रकार के पर्व और त्योहारों के मनाने का व्यापक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण है। होली एक सामूहिक पर्व है। समाज में मिलन का समारोह है। रंगों के माध्यम से खुशी की अभिव्यक्ति होती है और मिलन में रिश्तो की मजबूती का संकेत मिलता है। हर साल होली पर हम रंग खेलते हैं। गुलाल लगाते हैं, पर यह ध्यान रखना चाहिए आज के समय में रंगों और गुलालों में जो मिलावट है, उससे हमारे बालों और त्वचा को नुकसान भी पहुंच सकता है। हम जमकर मस्ती के साथ होली खेलें, लेकिन अपने बालों और त्वचा का ख्याल भी रखें।
बालों और त्वचा को बचाएं
ध्यान रखिए, होली के दौरान छोटी-छोटी असावधानी और गलतियां आपकी त्वचा और बालों की सेहत को बिगाड़ सकती हैं। लोग बाजार से बिकने वाले किसी भी तरह के रंग खरीद लेते हैं, लेकिन उनका ध्यान इस बात पर नहीं जाता कि यह रंग केमिकल युक्त हो सकते हैं, जो आपकी त्वचा के संपर्क में आएंगे तो आपकी त्वचा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि केमिकल युक्त रंग से त्वचा पर एलर्जी, रूखापन, दाग, जलन, खुजली, लाल निशान और पिंपल्स आने लग सकते हैं। ऐसे में होली के रंग से अपनी त्वचा और बालों की सेहत बचाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बरतें ये सावधानियां
-केमिकल रंगों की जगह हर्बल व अच्छी गुणवत्ता के रंगों का इस्तेमाल करें।
-स्थायी या पक्के रंगों का इस्तेमाल न करें।
- ऐसे रंगों का प्रयोग करें जो पानी में घुलनशील हों।
-होली खेलने के पहले त्वचा में सरसों तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-महिलाएं होली खेलते समय बालों को खुला रखें तो नुकसान नहीं होगा। बालों पर रंगों या गुलाल का प्रयोग ना करें तो बेहतर है।
-गोल्डन और सिल्वर पेंट त्वचा के लिए खतरनाक होते हैं, इनका प्रयोग न करें।
-रंगों को बालों पर न डालें। इससे बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं और हेयर फॉल होने की संभावना बढ़ जाती है।
-चमकीले सूखे रंगों से दूर रहें। रंग में कांच का पाउडर मिलाकर उसमें चमक लाई जाती है, जब चेहरे पर इस तरह का रंग लगाया जाता है, तो त्वचा कट जाती है या आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसे हर हाल में बचें।
समाचार सम्राट डॉट कॉम की ओर से सबको होली की शुभकामनाएं और सावधानियां बरतने का अनुरोध।
डॉ. रामकिशोर सिंह, संपादक