भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में कुल 8338 रेलवे स्टेशन हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेनें रुकती हैं। नए यात्री उस पर सवार होते हैं और कुछ यात्री उतरते भी हैं। रेलवे स्टेशन पर टिकट और रेलवे रिजर्वेशन जैसी सभी काम भी यहां होते हैं। इन सब कार्यों के लिए रेलवे कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। हम आपको देश के पहले ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर काम के लिए महिलाएं तैनात हैं। अपनी तरह का अनोखा स्टेशन होने के चलते इस रेलवे स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा
पूरे स्टेशन का परिचालन करती हैं महिला कर्मी
हम बात कर रहे हैं मुंबई स्थित के माटुंगा रेलवे स्टेशन की। माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन पूरी तरह महिलाओ के द्वारा किया जा रहा है। यहां सफाई कर्मचारी से लेकर स्टेशन मैनेजर तक महिला ही तैनात हैं। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने हेतु भारतीय रेल की ओर से बड़ा प्रयास किया गया है। माटुंगा में 41 महिला कर्मचारी हैं जो पूरे स्टेशन का परिचालन करती हैं। माटुंगा रेलवे स्टेशन पर टिकट वितरण का काम हो या गाड़ियों के परिचालन का सभी काम महिलाएं ही करती हैं। यहां तक की स्टेशन की सफाई का जिम्मा भी महिलाओं के हाथ में है।
रेलवे स्टेशन पर तैनात है 41 महिलाएं
महिला कर्मियों के चलते इस स्टेशन पर विशेष तौर पर महिला यात्री अपने आप को काफी सुरक्षित महसूस करती हैं। यहां काम करने वाली 41 महिला कर्मियों में 17 महिलाओं को ऑपरेशन और कमर्शियल विभाग, 6 रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, 8 टिकट चेकिंग, 2 अनाउंसर, दो सरंक्षण स्टाफ और पांच को अन्य जगह तैनात किया गया है। खास बात यह है कि यहां की स्टेशन मैनेजर भी एक महिला ही है।
2018 में दर्ज हुआ था रिकॉर्ड
स्टेशन पर यात्रियों व रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिलाओं पर ही है। यहां रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) की ओर से सिर्फ महिला कर्मियों की ही तैनाती की गई है। ये आरपीएफ की महिला कर्मी 24 घंटे स्टेशन पर सुरक्षा को सुनिश्चित करती हैं। माटुंगा रेलवे स्टेशन मुंबई के उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर आता है। वर्ष 2017 के जुलाई महीने में सेंट्रल रेलवे की ओर से इस रेलवे स्टेशन पर पूरा स्टाफ महिलाओं का लगाया दिया था। सिर्फ महिला कर्मियों वाले स्टेशन के चलते इस स्टेशन का नाम 2018 में लिम्का बुक रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया।