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LIFE NEEDS HUMOUR (1) : हंसिए और हंसाइए, जग को सुंदर धाम बनाइए, पोते ने दादी से पूछा, नींद नहीं आ रही…

LIFE NEEDS HUMOUR (1) : हंसिए और हंसाइए, जग को सुंदर धाम बनाइए, पोते ने दादी से पूछा, नींद नहीं आ रही…

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Humour is an integral part of our life. Life without humour is like a river without flowing water.  जीवन के लिए जैसे पानी और भोजन जरूरी हैं, वैसे ही विनोद अर्थात हंसी-ठिठोली भी जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए आवश्यक है। शरीर और सेहत पर मनोविनोद का प्रभाव मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक तरीके से भी सकारात्मक रूप में सामने आता है। Medical Science के अनुसार, हंसने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी ठीक रहती है,जो हमें कई बीमारियों से बचाती है। मनोविज्ञान इसे हमारी आत्मिक शक्ति के प्रभाव के रूप में देखता है। सामान्य लोक रुचि के हिसाब से देखें तो जोक्स और चुटकुले हमारी जिंदगी में गर्माहट घोलते हैं और हंसाने में भी हमारी मदद करते हैं। हंसने से मन प्रसन्न रहता है और घर में खुशहाली रहती है। इसलिए हंसी को हमें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए। हंसने का कोई कारण नहीं दिखाई पड़े तो जबरन उसे तलाशने और तलाश कर उसके आधार पर हंसने की कोशिश करनी चाहिए। दार्शनिक अंदाज में कहा जाता है कि दूसरों पर हंसना आसान है, लेकिन खुद पर हंसना जिगर का बड़ा काम है। हमें अपने जीवन में खुद हंसने और दूसरों को हंसाने में रुचि रखनी चाहिए। तभी यह जग सुंदर धाम बन सकता है। तो आइए हंसते हैं और दूसरों को भी हंसाने की चेष्टा करते हैं।

 पहली हंसी

पोता – दादी नींद नहीं आ रही है, टीवी देख लूं…?

दादी – मुझसे बातें कर ले…!

पोता – दादी क्या हम हमेशा छह लोग ही रहेंगे, आप, मम्मी, पापा, दीदी, मैं और मेरी बिल्ली।

दादी – नहीं बेटा, आपके लिए कल डॉगी भी आ रहा है, तो सात हो जाएंगे।

पोता – पर, दादी डॉगी तो बिल्ली को खा जाएगा, तो फिर छह हो जाएंगे।

दादी – नहीं बेटा, आपकी शादी हो जाएगी, तो फिर सात हो जाएंगे।

पोता – फिर बहन चली जाएगी शादी करके, तो फिर छह हो जाएंगे।

दादी – फिर आपका बेटा हो जाएगा, तो फिर सात हो जाएंगे।

पोता – तब तक आप मर जाओगी… वापस छह हो जाएंगे। 

दादी (गुस्से में) – तू जा… टीवी ही देख ले।

दूसरी हंसी

टीचर- आज तुमने लेट आने का क्या बहाना ढूंढा? 

स्टूडेंट- मैडम आज मैं इतना तेज दौड़कर आया कि बहाना सोचने का मौका ही नहीं मिला।

तीसरी हंसी

पत्नी- आपने कुछ सुना।

पति- क्या…

पत्नी- जिन पंडित जी ने अपनी शादी करवाई थी, आज वो मर गए। 

पति- कभी न कभी तो उसे अपने कर्मों का फल मिलना ही था।

चौथी हंसी

गर्लफ्रेंड (नाराज होते हुए)- इतना लेट क्यों हो गए? मैं कबसे वेट कर रही हूं। 

बॉयफ्रेंड- बॉस ने रोक लिया था, उनके साथ डिनर कर रहा था। 

गर्लफ्रेंड- अच्छा क्या खाया? 

बॉयफ्रेंड- गालियां।

कल इसी तरह पुनः आपसे रूबरू होंगे।

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