भोजपुर जिले में ड्रोन से खेती की शुरुआत कर जिले के किसानों ने कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने की पहल प्रारम्भ कर दिया है। जिले के आरा सदर प्रखंड के हेमतपुर गांव में ड्रोन के सहारे खेती की शुरुआत हुई तो इसे देखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके द्विवेदी, जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार,आत्मा के निदेशक सुशांत कुमार,उप निदेशक राणा राजीव रंजन कुमार,कृषि समन्वयक रणविजय सिंह सहित कई लोग हेमतपुर की तरफ उमड़ पड़े।
हेमतपुर गांव में पहली बार ऐसा प्रयोग
जैविक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत भोजपुर के हेमतपुर गांव में पहली बार ड्रोन के सहारे जैविक खेती की शुरुआत की गई। हेमतपुर गांव में किसानों ने खेत मे लगी जैविक फसलों पर ड्रोन के सहारे ही कीटनाशक एवं डी कम्पोजर का छिड़काव किया गया।किसानों के सहयोग के लिए पटना से अधिकारियों की टीम भी हेमतपुर गांव में पहुंची थी।जिले में ड्रोन से शुरू की गई खेती से कृषि के क्षेत्र में कई बड़े परिवर्तन आएंगे। जैविक कॉरिडोर के अंदर हेमतपुर में ड्रोन के माध्यम से जैविक खेती प्रारम्भ कराने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि इस क्षेत्र में पहले से ही 141 एकड़ भूभाग पर जैविक खेती होती आ रही है।इस गांव में भोजपुर फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा पिछले कई वर्षों से पांच एकड़ भूमि में हरी सब्जी की खेती की जा रही है।
कम लागत ज्यादा फायदा
जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन से खेती होने के कारण किसानों को कम लागत में अधिक फायदा होने का रास्ता साफ हो गया है।ड्रोन से एक एकड़ वाले खेतों में लगी फसल को मात्र 6 मिनट में सिर्फ 10 लीटर पानी वाले कीटनाशक का छिड़काव हो जाएगा। ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करने का एक लाभ यह भी है कि ड्रोन जैसे ही खेतों में प्रवेश करेगा वैसे ही खेत की स्थिति की उसे जानकारी मिल जाएगी।ड्रोन किसान को संकेत दे देगा कि खेत के किस भाग में फसलों को रोग लगा है और वहां किस तरह की दवा के छिड़काव की आवश्यकता है।एक बार जब ड्रोन खेत मे प्रवेश करेगा तो उस खेत की मैपिंग भी सेटेलाइट से जुड़ जाएगी।इससे अगली बार बिना किसान के खेत मे गए भी ड्रोन अपने हिसाब से खेत मे आवश्यकतानुसार विटामिन या अन्य दवाओं का छिड़काव कर लेगा।
आरा सदर, उदवंतनगर, बिहियाँ, कोइलवर, गड़हनी जैसे प्रखंडों में हो रही इस विधि से खेती
भोजपुर के हेमतपुर गांव में जैविक कॉरिडोर के क्षेत्र में की जा रही जैविक खेती में ड्रोन से दवा और कीटनाशक के साथ साथ जैविक उर्वरक का भी छिड़काव किया जा सकेगा।किसानों को समय की बचत भी होगी और इसके साथ ही फसलों में लगे रोग की पहचान जल्द कर लेने से समानुपातिक रूप से आवश्यकतानुसार ही दवा,विटामिन या जैविक कीटनाशक का ड्रोन के माध्यम से छिड़काव हो जाएगा।ड्रोन के माध्यम से शुरू हुई खेती से उपज भी बढ़ेगी और मिट्टी में नमी,पौधे की वृद्धि,पौधे के विकास से जुड़ी सभी जानकारी ड्रोन के माध्यम से किसानों को पता चल जाएगी।फिलहाल भोजपुर जिले के पांच प्रखण्डों में 785 एकड़ में 1172 किसान जैविक खेती करने में जुटे हुए हैं।जैविक खेती को लेकर जिले में 16 फार्मर प्रोड्यूसर समूह कार्य कर रहे हैं। आरा सदर, उदवंतनगर, बिहियाँ, कोइलवर, गड़हनी जैसे प्रखण्डों में जैविक कॉरीडोर योजना के अंतर्गत खेती की जा रही है।भोजपुर के हेमतपुर गांव से पहली बार शुरू हुई ड्रोन आधारित कृषि से जिले में कृषि के क्षेत्र में बड़ी क्रांति की शुरुआत हुई है।