पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने शेन वार्न के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी दिग्गज स्पिनर से सीखा है वह उसे दुनिया के साथ साझा करना चाहेंगे। वार्न का शुक्रवार को 52 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। पोंटिंग ने ‘आईसीसी रिव्यू’ पर कहा, “वह अपनी कमेंट्री के माध्यम से एक शिक्षक थे और मैंने पिछले 24 घंटों में उन सभी स्पिनरों की सैकड़ों तस्वीरें देखी हैं, जिनके साथ उन्होंने काम किया है। उन्होंने अपने युवा दिनों में स्टीव स्मिथ की मदद की और राशिद खान वर्तमान में उनसे बातचीत करते थे। इसलिए मुझे लगता है कि यह अब मेरे ऊपर है कि जब भी मुझे दुनिया को यह बताने का मौका मिले कि वह कैसे थे और कुछ चीजें जो मैंने उनसे सीखीं, उन्हें शेयर करूं।” पोंटिंग ने उन विशेष पलों को भी याद किया, जो उन्होंने वार्न के साथ बिताईं थीं।
घर पर बैठे रहना वार्न को पसंद नहीं था
पोंटिंग ने कहा कि शेन वार्न के लिए घर पर बैठना दुर्लभ था। वह घर में बैठकर नहीं रहना चाहते थे। वह हमेशा अपने दोस्तों और अपने परिवार के लिए समय निकालता था। और यह उनकी बेहतरीन खूबियों सें से एक थी। उसके पास वह ऊर्जा थी,जिसने उसने काफी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया और यह एक ऐसा गुण है जो बहुत अधिक लोगों के पास नहीं है। वार्न इतिहास के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में से एक थे।
बेशुमार उपलब्धि अपने नाम की
1990 के दशक की शुरुआत में जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया, तब उन्होंने लगभग अकेले दम पर लेग-स्पिन की कला को फिर से खोजा, और 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने तक, वह 700 टेस्ट विकेट तक पहुंचने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे। 1999 में ऑस्ट्रेलिया की आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जीत में उन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सेमीफाइनल और फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता। विजडन क्रिकेटर्स अल्मनैक ने शेन की उपलब्धियों को बीसवीं शताब्दी के अपने पांच क्रिकेटरों में से एक के रूप में नामित किया।