आईपीएल में केकेआर, आरसीबी का प्रतिनिधित्व कर चुके और घरेलू क्रिकेट में छत्तीसगढ़ रणजी टीम के कप्तान क्रिकेटर हरप्रीत सिंह भाटिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस उनके पीछे हाथ धोकर पड़ी है। क्योंकि उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर चुकी है। उनपर आरोप है कि सरकारी नौकरी लेने के लिए उन्होंने फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल किया। इस बाबत रायपुर के विधानसभा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
2014 में किया था नौकरी का आवेदन
अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हरप्रीत ने 2014 में क्रिकेट कोटे से लेखा परिक्षक लेखापाल पद के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ उन्होंने अपने सारे डॉक्यूमेंट भी दिए थे। उन्होंने झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएशन मार्कशीट जमा कराया था। उनका लेखापाल के लिए चयन भी हो गया था। जब दस्तावेज की जांच कराई गई तो वह फर्जी निकला। यूनिवर्सिटी से जानकारी मिली कि हरप्रीत का अंतिम वर्ष का अनुक्रमांक वहां दर्ज ही नहीं है।
पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के आधार पर इस कार्यालय द्वारा सरकारी कामकाज और फर्जी दस्तावेज पेश करने में हरप्रीत भाटिया पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस हरप्रीत सिंह भाटिया की तलाश कर रही है। रिपोर्ट है कि वे अभी मैच खेलने के लिए पंजाब गए हुए हैं। जांच के बाद इस खिलाड़ी पर कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर के बाद छत्तीसगढ़ टीम से हरप्रीत सिंह भाटिया की छुट्टी हो सकती है। वहीं अब हरप्रीत के रिकार्ड की जांच बीसीसीआई भी कर सकती है।
मध्य प्रदेश के लिए भी खेल चुके हैं
30 वर्षीय हरप्रीत सिंह भाटिया ने 2010 से 2012 के बीच चार आईपीएल मैच खेले हैं। इसमें उनके बल्ले से तीन पारियों में 20 रन निकले। 2017 में सरफराज खान के चोटिल होने के बाद आरसीबी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने 2008 में मध्य प्रदेश के लिए घरेलू मैचों में डेब्यू किया था। 2018-19 रणजी ट्रॉफी से पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ ट्रांसफर करा लिया। उनके नाम 70 फर्स्ट क्लास मैच में 4489 और 77 लिस्ट ए मैच में 2507 रन दर्ज हैं।