▪︎ कोर्ट ने सभी पक्षों से चार हफ्ते में मांगा जवाब
▪︎ सही जांच हो तो हजारों करोड़ की बेनामी सम्पत्ति का हो सकता है खुलासा : विजय झा
Baghmara / Dhanbad News: भाजपा सांसद ढुल्लू महतो के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी की और चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। उक्त जानकारी जानकारी वियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार झा ने दी।
उन्होंने बताया कि ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के डबल बेंच, जिसमें जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे, ने जारी किये हैं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सोमनाथ चटर्जी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्पेशल लीव पेटिशन की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
श्री झा ने कहा कि केस में दावा किया गया है कि अगर सही तरीके से जांच हो, तो धनबाद के सांसद और इनके परिवार के सदस्यों के पास हजारों करोड़ रुपये की बेनामी सम्पत्ति का खुलासा हो सकता है। सवाल यह है कि कैसे एक गरीब के बेटे ने करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित कर ली।
वर्ष 2011 से अब तक तीन याचिकाएं हो चुकी हैं दायर
अधिवक्ता सोमनाथ चटर्जी ने वर्ष 2011 में झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका 6438/2011 दाखिल कर बाघमारा के तत्कालीन विधायक ढुल्लू महतो की सम्पत्ति की जांच सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग से कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को आयकर विभाग और ईडी को जांच के आदेश दिये थे। लेकिन, कई वर्षों तक रिपोर्ट दाखिल नहीं होने पर सोमनाथ चटर्जी ने 2018 में एक और याचिका संख्या 1/2018 दाखिल की, जिसके बाद 2024 में मामला निष्पादित कर दिया गया था।
विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा जांच प्रतिवेदन दाखिल नहीं होने के कारण चटर्जी ने 2025 में पुन: नयी जनहित याचिका पीआईएल संख्या 39/2025 दाखिल की। इस याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में डबल बेंच ने 16 जून 2025 को सुनवाई कर आयकर विभाग और ईडी को सांसद की बेनामी सम्पत्ति की जांच के आदेश दिये।
आयकर विभाग और सीबीआई सहित अन्य सभी पक्षों को नोटिस जारी की गयी है। अब देखना है कि विभिन्न एजेंसियां इस आदेश के बाद क्या रुख अपनाती हैं।
नहीं मिल पाया सांसद का पक्ष
संदर्भ को लेकर भाजपा सांसद ढुल्लू महतो से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी। उनका पक्ष मिलने पर उसे भी प्रकाशित किया जायेगा।



