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डीएमएफटी के 11 अरब रुपए से बदलेगी धनबाद की सूरत, सब कुछ होगा चकाचक, नहीं रहेगी दिक्कत

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प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाइ) के तहत धनबाद जिला की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गयी है। जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के जरिये यहां के विकास के लिए 11 अरब रुपये से अधिक राशि खर्च करने की तैयारी है।इसके लिए हर प्रखंड की सभी पंचायतों में ग्राम सभा करायी जा रही है। इस वित्तीय वर्ष (2022-23) में हर पंचायत में कम से कम एक योजना का चयन होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, प्रदूषण नियंत्रण संबंधी योजनाओं पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

क्या है वर्तमान में डीएमएफटी स्थिति

धनबाद जिला में डीएमएफटी में 20 जून 2022 तक 11 अरब दो करोड़ 98 लाख रुपये जमा थे। यहां डीएमएफटी में लगातार राशि की उपलब्धता रही है। वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने खनिज क्षेत्र वाले जिलों के लिए यह योजना शुरू की। इसके तहत खनन कंपनियों को आय का एक हिस्सा जिला फंड में देना होता है। धनबाद जिला में इस योजना के तहत राशि तो मिलती रही है। लेकिन इसके हिसाब से योजनाएं नहीं ली जा सकीं। कुछ मेगा जलापूर्ति योजनाएं जरूर ली गयीं. लेकिन, यह पीएमकेकेकेवाइ की शर्तों के अनुरूप नहीं थी। इसमें शर्त है कि डीएमएफटी की राशि वहीं ज्यादा खर्च की जाये, जहां खनन हो रहा है। जहां के लोग खनन के कारण ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए योजनाएं लेने पर बल देना है। सारी योजनाओं को संबंधित ग्रामसभा से पास भी कराना है। बीच में कोरोना के कारण दो वर्षों तक यह काम नहीं के बराबर हुआ।

ग्रामसभा के लिए जारी किया गया फॉर्मेट

धनबाद जिला प्रशासन ने पीएमकेकेकेवाइ के तहत डीएमएफटी की राशि से ली जाने वाली योजनाओं के लिए एक फॉरेमट जारी किया है। डीएमएफटी के सदस्य सचिव सह उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह ने बताया कि संबंधित बीडीओ के जरिये जिले के सभी 256 पंचायतों के मुखिया को तीन पन्ने का फॉरमेट दिया गया है। ग्रामसभा के जरिये आठ प्वाइंट पर सुझाव लेने को कहा गया है। यह हिंदी व अंग्रेजी भाषा में जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि उस पंचायत के लिए उच्च प्राथमिकता वाली क्षेत्र क्या हो. जैसे पेयजल, प्रदूषण, हेल्थ केयर, शिक्षा, महिला व बाल विकास, वृद्ध व दिव्यांग कल्याण, कौशल विकास व स्वच्छता में किस मद में काम लेना चाहिए। सात जुलाई तक हर हाल में ग्राम सभा कर योजनाएं तय कर उसे जिला मुख्यालय भेजने को कहा गया है।

सीधे प्रभावित क्षेत्र व विस्थापितों को मिलेगी प्राथमिकता

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पीएमकेकेकेवाइ के तहत वैसे क्षेत्रों की योजनाओं को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी है, जो सीधे खनन से प्रभावित हो। साथ ही वैसे गांव या क्षेत्र के लोगों को भी प्राथमिकता मिलेगी, जो किसी न किसी खनन प्रोजेक्ट के कारण विस्थापित हुए हैं। इसके बाद अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए योजनाएं ली जानी है। दोनों की अलग-अलग सूची तैयार हो रही है। खनन के चलते अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र के लिए ली जाने वाली योजनाओं पर 60 फीसदी राशि खर्च होगी। इन इलाकों में भी लोगों को शुद्ध पेयजल तथा प्रदूषण नियंत्रण अभियान में भी ज्यादा राशि खर्च की जानी है। इसके बाद स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा दिव्यांग कल्याण की योजनाएं ली जायेगी।

हर पंचायत में ली जायेगी योजना

डीडीसी शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि इस बार पीएमकेकेकेवाइ के तहत हर पंचायत के एक-एक गांव में कोई न कोई योजना ली जायेगी। कोशिश होगी कि वैसे पंचायत जहां खनन कार्य ज्यादा होता है, में ज्यादा योजनाएं ली जाये। खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा प्रदूषण नियंत्रण संबंधी कार्य से संबंधित योजनाएं ज्यादा ली जाये। धनबाद नगर निगम क्षेत्र में वार्डवार सभा होगी। शहरी क्षेत्र में यह काम नगर निगम के कर्मियों द्वारा की जायेगी. सभी बीडीओ एवं सीओ को आपस में समन्वय स्थापित कर काम करने के लिए कहा गया है। कहा कि ग्राम सभा से पारित हो कर आने वाली योजनाओं को मंजूरी के लिए जिला स्तरीय प्रबंध समिति के पास रखा जायेगा। इससे मंजूरी मिलने के बाद क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी।कोशिश है कि जुलाई माह से ही चयनित योजनाएं धरातल पर उतरने लगे।

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