New Delhi news : नेशनल हाईवे पर लाखों गाड़ियां प्रतिदिन चलती हैं। इस दौरान शहर की सड़कों पर ज्यादातर समय सड़क के बीच में पौधे देखते हैं। इन पौधों को लगाने के पीछे की वजह केवल प्रदूषण कम करना ही नहीं है। इसके अलावा इसका एक और उद्देश्य है और वह सुरक्षा से सम्बन्धित है। दरअसल, रात में गाड़ी चलाते समय, एक तरफ की गाड़ी की हेडलाइट की रोशनी दूसरी तरफ की गाड़ी के चालक की दृष्टि को बाधित कर सकती है। इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। सड़कों के बीच में पौधे लगाने से यह खतरा कम हो जाता है। पौधे हेडलाइट की रोशनी को रोक लेते हैं, जिससे दूसरी तरफ के ड्राइवर को ड्राइविंग के समय देखने में समस्या नहीं होती है।
हरा रंग ठंडक का अहसास कराता है
सड़के बनाते समय बीच में खाली जगहों को छोड़ दिया जाता है। इसे झाड़ियों और पौधों से सजाया जाता है। ऐसा लगता है कि यह सिर्फ सुन्दरता बढ़ाने के लिए होता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। यह न सिर्फ सुन्दरता बढ़ाने, बल्कि आंखों और मस्तिष्क पर इसके सुखद प्रभाव से भी सम्बन्धित है। ऐसा माना जाता है कि हरा रंग ठंडक का अहसास कराता है, जिससे ड्राइवरों और यात्रियों को समान रूप से राहत मिलती है। हाईवे के किनारे जान-बूझ कर हरे-भरे पेड़ लगाये जाते हैं। इससे यात्रियों के लिए शांत वातावरण बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।
तेज रोशनी की वजह से बढ़ता है खतरा
हाई बीम का उपयोग करते समय यह खतरा और भी बढ़ जाता है। हाई बीम की रोशनी बहुत तेज होती है और इससे दूसरी तरफ के ड्राइवर की दृष्टि पूरी तरह से ढक सकती है। सड़कों के बीच में पौधे लगाने से हाई बीम की रोशनी को भी कम किया जा सकता है। इसलिए, सड़कों के बीच में पौधे लगाने का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा है। ये पौधे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करते हैं और सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देते हैं।



