New Delhi news : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने के पक्ष में नहीं है। वह यह भी चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के क्रीमी लेयर सम्बािधत फैसले को मान्यता न मिले, इसके लिए वह भरसक प्रयास करेंगे। शनिवार को खड़गे ने
अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में यह प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के 07 जजों ने एक फैसला दिया है, जिसमें उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के लोगों के सब-कैटेगराइजेशन के साथ ही क्रीमीलेयर की भी बात की है। उन्होंने कहा कि भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण बाबासाहेब के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी द्वारा आरक्षण नीति को जारी रखा गया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आरक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार में भी आरक्षण एक जरूरी मुद्दा था, लेकिन अब एससी-एसटी वर्ग के लोगों को क्रीमी लेयर का कह कर आरक्षण से बाहर निकालना उनके ऊपर एक बड़ा प्रहार है।
खड़गे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के लोक उपक्रमों (पीएसयूएस) निजी हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। एक तरफ देश में लाखों सरकारी नौकरियां हैं, जिनमें भर्तियां नहीं की जा रही हैं, दूसरी तरफ आप क्रीमी लेयर लाकर दलित समाज को कुचल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और खुल कर कह सकते हैं कि एससी-एसटी वर्ग का जो मुद्दा उठा है, उसमें दलितों-वंचितों के बारे में नहीं सोचा गया। उन्होंने कहा कि जब तक इस देश में अस्पृश्यता है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए और रहेगा। उसके लिए हम लड़ते रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक में आज भी ऐसे कुछ गांव हैं, जहां लोगों को अन्दर आने नहीं दिया जाता। जब तक देश में ऐसी चीजें चल रही हैं, आप आरक्षण खत्म नहीं कर सकते। हर राज्य में एससी-एसटी की लिस्ट अलग होती है। इसलिए इस लिस्ट से किसको कितना फायदा होता और किसको नुकसान होता है, इस विषय में हम बारीकी से सोच कर आगे कदम बढ़ायेंगे। इस मुद्दे पर राहुल गांधी भी सोच रहे हैं, उन्होंने कई बुद्धिजीवियों को बुला कर इस विषय में चर्चा भी की है।
उन्होंने कहा कि हम दलितों-वंचितों की हिफाजत के लिए जो भी कर सकते हैं, वह करेंगे। उन्होंने कहा कि आज आरक्षण होते हुए भी हाई कोर्ट में दलित समाज के लोग नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट में भी नाम मात्र के लोग हैं। वहीं अफसरों के बड़े पदों पर भी कोई नहीं है। इतना सारा बैकलॉग होने के बावजूद आप क्रीमी लेयर कैसे लगा सकते हैं? हम इस बात को कभी सहन नहीं करेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि इस विषय पर हम कंसल्टेशन कमेटी बनायेंगे। इस मुद्दे पर गैर सरकारी संगठनों से मिलेंगे और उनकी राय लेंगे।