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नौ सेना प्रमुख ने प्रभावी युद्ध और सामंजस्य के लिए डिविजनल सिस्टम की ताकत और प्रशिक्षण के महत्त्व पर दिया जोर

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मित्रवत विदेशी नौसेनाओं के साथ प्रशिक्षण कमान के योगदान को किया रेखांकित

New Delhi : नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने दक्षिणी कमान के अपने पहले दौरे के दूसरे दिन समुद्री युद्ध की तत्परता और सफल संचालन के प्रमुख निर्धारक के रूप में प्रशिक्षण के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण पेशेवर प्रशिक्षण देकर मित्रवत विदेशी नौसेनाओं के साथ मैत्री के पुल बनाने में प्रशिक्षण कमान के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने संगठन के भीतर प्रभावी युद्ध और सामंजस्य के लिए डिविजनल सिस्टम की ताकत पर प्रकाश डाला।

नौसेना प्रमुख का कार्यभार सम्भालने के बाद एडमिरल त्रिपाठी की दक्षिणी नौसेना कमान की पहली यात्रा

नौसेना प्रमुख का कार्यभार सम्भालने के बाद एडमिरल त्रिपाठी26 अगस्त को दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) की पहली यात्रा पर कोच्चि पहुंचे है। उन्हें कोच्चि में आईएनएस गरुड़ पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन (एनडब्लयूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी भी कोच्चि दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कोच्चि और एसएनसी की विभिन्न इकाइयों में अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने समुद्र में युद्ध की तत्परता और सफल संचालन के प्रमुख निर्धारक के रूप में प्रशिक्षण के महत्त्व पर जोर दिया।
सीएनएस ने गुणवत्तापूर्ण पेशेवर प्रशिक्षण देकर मित्रवत विदेशी नौसेनाओं के साथ मैत्री के पुल बनाने में प्रशिक्षण कमान के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने वांछित उद्देश्य हासिल करने के लिए कार्यों के पीछे गहरी समझ और उद्देश्य की दिशा में “हम क्यों कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं” के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने संगठन के भीतर प्रभावी युद्ध और सामंजस्य के लिए डिविजनल सिस्टम की ताकत पर प्रकाश डाला। अपने सम्बोधन के दौरान नौसेना प्रमुख ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों के दौरान सहायता देने में एसएनसी की पेशेवर भूमिका को सराहा, जिससे संकट की स्थिति में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।

सैन्य कर्मियों से नौसेना और राष्ट्र की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने का आग्रह


नौसेना प्रमुख ने सभी कर्मियों से नौसेना और राष्ट्र की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने का आग्रह किया। उन्होंने सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को अपनाने का आह्वान किया। नौसेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए मजबूत सुरक्षा संस्कृति और सुरक्षा संगठन बनाये रखने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। सीएनएस ने हर समय एक लड़ाकू तैयार, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल होने की आवश्यकता को दोहराया, जिससे क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार की भूमिका बनी रहे।
नौसेना प्रमुख ने पहले दिन दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास के साथ बातचीत की। उन्हें कमान की ओर से विभिन्न प्रशिक्षण, परिचालन, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक गतिविधियों में हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी गयी। भारतीय नौसेना की एक प्रशिक्षण कमान होने के नाते उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाओं और आधुनिकीकरण परियोजनाओं के बारे में अवगत कराया गया। नौसेना प्रमुख ने विभिन्न मुद्दों पर हुई प्रगति पर कमान के प्रयासों को सराहा। नौसेना प्रमुख ने कोच्चि के नौसेना बेस में पुनर्निर्मित कमांड स्टेडियम का उद्घाटन किया था।

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