New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ओड़िशा नये भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करने के बाद सम्बोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 में यह ओडिशा की उनकी दूसरी यात्रा है। उन्होंने कहा कि उत्कर्ष ओड़िशा राज्य में अब तक का सबसे बड़ा व्यापार सम्मेलन है। इसमें पांच से छह गुना अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए राज्य के लोगों और ओड़िशा सरकार को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानते हैं और ओड़िशा की इसमें बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है, जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत का अहम योगदान था। पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, बड़े पोर्ट्स थे, ट्रेड हब थे। ओड़िशा साउथ ईस्ट एशिया में होने वाले ट्रेड का प्रमुख सेंटर हुआ करता था। यहां के प्राचीन पोर्ट्स एक प्रकार से भारत के गेट-वे हुआ करते थे।
ओड़िशा में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं
उन्होंने कहा कि ओडिशा असाधारण है। ओड़िशा नये भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। यहां अवसर भी है और यहां के लोगों ने हमेशा आउटपरफॉर्म करने का जुनून दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ओड़िशा की बड़ी भूमिका है। ओडिशावासियों ने ‘समृद्ध ओडिशा’ के निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए केन्द्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहयोग मिल रहा है। ओड़िशा में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में ओड़िशा इतिहास को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार है। हाल ही में सिंगापुर के राष्ट्रपति ओडिशा आये थे। वे ओड़िशा के साथ सम्बन्धों को लेकर उत्साहित हैं। आसियान देशों ने ओड़िशा के साथ व्यापार सम्बन्धों को मजबूत करने में रुचि दिखायी है। मैं अपने सीएम द्वारा कही गयी बात को दोहराना चाहता हूं, ‘यही समय है, सही समय है।’