Ranchi news: पिता चाहते थे कि उनका पुत्र ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पढ़ा करे। वह उसे हमेशा ऐसा कहा करते थे। बात आठ अक्टूबर 2018 की है। सुबह उठकर नहीं पढ़ने पर उन्होंने खासी नाराजगी जताई, डांटा-फटकारा तो बेटा बहस पर उतर आया। इस पर गुस्से में पिता ने आपा खो दिया और घर में रखी राइफल उठाई और गोलियां बेटे के सीने में दाग दी। इसके बाद पुत्र राहुल कुमार राउत वहीं गिर गया। पिता राकेश राउत सीआरपीएफ में हवलदार के पद से 2005 में सेवानिवृत्त हुआ था।
पिता ने ही एंबुलेंस बुलाई, पर…अफसोस राहुल नहीं रहा
गोली लगने के बाद जैसे ही राहुल जमीन पर गिरा, पिता राकेश अपनी करतूत पर रो पड़े। आनन-फानन में स्वयं ही एंबुलेंस बुलाई, पर अफसोस एंबुलेंस के पहुंचने से पूर्व ही राहुल दुनिया छोड़ चुका था। पिता को अपनी गलती पर इतना पछतावा हुआ कि वह स्वयं रांची स्थित गोंदा थाना पहुंचा और खुद को सरेंडर कर दिया था। हत्या के आरोप में पुलिस ने नौ अक्टूबर 2018 को उसे जेल दिया था।
अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
अदालत ने गुस्से में अपने बेटे को गोली मारकर हत्या करने वाले दोषी पिता राकेश राउत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने उसे तीन सितंबर को दोषी करार दिया था। घटना गोंदा थाना क्षेत्र के टिकली टोला स्थित आवास में हुई थी।