– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

मत जइयो : शाम 5:00 बजे से अगले दिन सुबह 8:00 बजे तक इन रास्तों से गुजरना मना है, क्योंकि हो सकता है कुछ भी…

Screenshot 20220605 052508 Chrome

Share this:

Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश) का लखीमपुर खीरी जिला। जीप से किसानों को कुचलने के हादसे ने इस जिले को बहुत हाईलाइट किया था। अब जंगल के नजदीक के इलाकों में बाघों की दहशत से लोगों के जीवन की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट से यह पता चल रहा है कि यहां बाघों की दहशत ने 15 गांवों के लोगों का रास्ता ब्लॉक कर दिया है। गांव वाले ही नहीं, सामान्य राहगीर भी शाम पांच बजे से सुबह आठ बजे तक सड़क सड़क से होकर नहीं गुजर सकते। गुजरने पर रास्ते में कहीं भी कुछ भी हो सकता है। इसी वजह से वन विभाग ने 15 किलोमीटर जंगल इलाके में बैरियर बांध दिए हैं। वन विभाग का कहना है कि ऐसा बाघ के हमलों से गांव वालों की जान बचाने के लिए करना पड़ा है। बता दें कि तिकुनिया कोतवाली इलाके के खैरटिया, मंझरा पूरब इलाके में बाघ तीन सालों में 12 लोगों को शिकार बना चुका है।

बैलगाड़ी पर जा रहे युवक पर हमला कर बाघ ने मार डाला

पिछले दो-तीन महीने में बाघ सड़क तक आने लगे। 23 मई को बैलगाड़ी से जा रहे युवक पर बाघ ने हमला कर मार डाला था। ये सभी घटनाएं सूरज ढलने के बाद हुईं। इन हालातों में अब वन विभाग ने मझरा पूरब से तिकुनियां जाने वाले रास्ते पर बैरियर बांध दिए। मझरा पूरब और बहराइच की ओर के दो बैरियर बांधे गए हैं, जिन पर वन कर्मी शाम को पहरा देते हैं। इन रास्तों को शाम पांच बजे से सुबह आठ बजे तक बंद कर दिया गया है। 

जंगल के पास लगातार एसटीएफ के साथ वन विभाग की सतर्कता

सुबह आठ बजे के बाद इस रास्ते पर पहले बड़े वाहन और उसके पीछे दुपहिया वाहनों को जाने दिया जाता है। रात के वक्त अगर किसी मरीज को ले जाना है तो उसके साथ वन विभाग की टीम भी जाती है। जिससे उसे कोई खतरा न हो। रेंजर विमलेश कुमार ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के लिए खैरटिया-मझरा पूरब रोड पर एक बैरियर मझरा में तथा एक बैरियर खैरटिया क्षेत्र में बाबा कुटी के पास लगाया गया है। विभाग की टीम एसटीपीएफ जवानों के साथ जंगल में लगातार गश्त कर रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक संजय पाठक का कहना है कि गांव वालों को अलर्ट किया गया है कि जंगल के रास्ते से शाम के वक्त न निकलें।

 72 घंटे में गई थी दो लोगो की जान

तिकुनियां कोतवाली के मंझरा पूरब इलाके में अचानक बाघों की दहशत ज्यादा है। 23 मई पढुआ के सायपुर निवासी कमलेश चौहान (30) को बाघ बैलगाड़ी के ऊपर से खींच ले गया। इससे ठीक दो दिन पहले दुमेड़ा मंझरा पूरब निवासी महेश (30) पर हमला कर जान से मार दिया था। महेश अपने मामा के खेत में गुड़ाई कर रहा था और सुस्ताने के लिए वृक्ष की छांव में गया था, तभी बाघ ने हमला कर मार डाला था।

Share this:




Related Updates


Latest Updates