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चार धाम यात्रा, आस्था की पवित्रता : ऋषिकेश केंद्र में रजिस्ट्रेशन बंद, व्यास जी चेक पोस्ट में करा सकते हैं पंजीकरण

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Uttarakhand  (उत्तराखंड) पर्यटन विभाग की ओर से एसडीआरएफ को श्रद्धालुओं के आफलाइन पंजीकरण (Chardham Yatra Registration 2022) का काम सौंपा गया है। 25 मई की रात 10:30 बजे पंजीकरण कार्य रोक दिया गया था। ऋषिकेश केंद्र में पंजीकरण के इंतजार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। बदरीनाथ रूट पर व्यासी चेक पोस्ट में पंजीकरण जारी रखा गया है। 

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से एथिक्स इन्फोटेक कंपनी को आनलाइन पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चारों धाम में भीड़ नियंत्रित करने के लिए स्लाट व्यवस्था की गई थी। बदरीनाथ केदारनाथ जाने वाले वह श्रद्धालु जिनके पास होटल, हैली सेवा की एडवांस बुकिंग है, ऐसे श्रद्धालुओं का व्यासी तपोवन चेक पोस्ट पर पंजीकरण किया जा रहा।

3 मई से शुरू हुई है यात्रा

साल 2022 में चारधाम यात्रा का संचालन 3 मई से शुरू हुआ था। इतने कम समय में चारधाम यात्रियों की संख्या 10 लाख के पार हो गई है। 25 मई तक बदरीनाथ धाम पौने चार लाख, केदारनाथ में साढ़े तीन लाख से अधिक, गंगोत्री में दो लाख, यमुनोत्री में डेढ़ लाख, श्री हेमकुंट साहिब में 10 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। चारधाम यात्रा इस समय सुचारू रूप से चल रही‌ है। 25 मई तक 10 लाख 26 हजार से अधिक श्रद्धालु चारधाम पहुंचे हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार, बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुले थे, तब से 25 मई की शाम तक 3 लाख 40 हजार 954 तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खुले थे, तब से 25 मई की शाम तक 3 लाख 35 हजार 134 यात्री दर्शन करने पहुंचे। इसमें हे​लीकॉप्टर से पहुंचे 33 हजार 445 तीर्थयात्री भी शामिल हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 3 मई को खुले थे। यहां 25 मई तक 200351 और यमुनोत्री धाम के कपाट 3 मई को खुले थे। यहां 25 मई तक 1 लाख 49 हजार 596 तीर्थयात्री पहुंचे हैं।

कब कितने यात्री दर्शन के लिए पहुंचे

वर्ष 2000 में कुल 12,92,411 तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंचे. साल 2013 की त्रासदी के बाद 2,90,509 भक्तों के साथ वर्ष 2014 में तीर्थयात्रियों की सबसे कम संख्या दर्ज की गई थी. वर्ष 2015 से 8 लाख 4008 तीर्थयात्रियों के साथ संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके बाद वर्ष 2016 में 14 लाख 4707 और वर्ष 2017 में 21 लाख 92 हजार 647 तीर्थयात्री पहुंचे। 2001 में सभी चार तीर्थों पर जाने वाले कुल तीर्थयात्री 8 लाख 9266 थे।  वर्ष 2002 में 790211, वर्ष 2003 में 1033424, वर्ष 2004 में 1040155, वर्ष 2005 में 1341304, वर्ष 2006 में 1662935, वर्ष 2007 में 1942785, वर्ष 2008 में 2199608, 1904239 वर्ष 2009 में, वर्ष 2010 में 1942232, वर्ष 2011 में 2440855, वर्ष 2012 में 2468838, वर्ष 2013 में 1273553 और वर्ष 2014 में 290509 तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंचे।

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