Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
Error
Location unavailable
🗓️ Mon, Mar 31, 2025 🕒 7:00 AM

किसी के भी बारे में जजमेंट होने से पहले…

किसी के भी बारे में जजमेंट होने से पहले…

Share this:

राजीव थेपड़ा 

Before judging anyone… : किसी भी समाज में हर तरह के लोग होते हैं। बेईमान भी, मक्कार भी, फरेबी भी, धूर्त भी, अच्छे भी, ईमानदार भी, कर्मठ भी, कर्तव्यनिष्ठ भी !!

लोग तो हर तरह के ही होते हैं, तो जब हम गलत लोगों के बारे में बात करते हैं, जो स्पष्ट तौर पर गलत होते हैं, उनके बारे में बात करते हैं, तो क्या यह अपने आप को बहुत बड़ा पुण्यात्मा सिद्ध करना हुआ ?? या क्या दूसरे को महज पापात्मा बताना हुआ ??

आखिर जिसके बारे, जो दिख रहा है, वही तो हम अपने भीतर से प्रकट करते हैं !! …तो, इससे इस बात को इस ओर मोड़ देना, या ऐसा एंगल दे देना कि वह चोर है और हम साधू ?? क्या ऐसी बात जमती है ?? वह भी तब, जब हम यहां पर एक-दूसरे के बारे में शायद ही बहुत कुछ जानते हों। अपनी रचनाओं के माध्यम से, दूसरों की रचनाओं के माध्यम से, हम एक-दूसरे को जितना जानते हैं और समझते हैं ; बस उतना ही भर तो !! उसके अलावा हम सामनेवाले व्यक्ति के बारे में कुछ भी सोचते या समझते हैं, तो यह सिर्फ हमारा अनुमान भर है। याद रहे, यह सिर्फ हमारा अनुमान भर है !! जो कभी भी गलत सिद्ध हो सकता है, जिस दिन गलत सिद्ध हो गया, उस दिन उसकी छीछालेदार हो जायेगी और जब तक निभ रही है, तब तक निभ रही है !! 

…मगर, फिर भी बहुत सारे पूर्वानुमान हमारे अपने दोस्तों के प्रति बहुत सटीक होते हैं और उनको सपने में भी झुठलाने का मन नहीं करता !! निश्चित तौर पर हम अपने किसी दोस्त को जब हम बहुत ही अच्छा और बहुत ही भरोसेमंद समझते हैं, तो उसके पीछे न सिर्फ हमारी उसके प्रति भावुकता काम कर रही होती है, बल्कि कहीं ना कहीं कोई तार्किकता भी होती है। अब यह बात अलग है कि कभी-कभार इसमें भी धोखा हो जाता है। लेकिन, हम एक-दूसरे को सिर्फ एक इंटरनेट के माध्यम से जाननेवाले लोग एक-दूसरे के बारे में भले ही कोई दावा न कर सकें, लेकिन एक-दूसरे के बारे में हमें कोई कपोल-कल्पित बातें भी नहीं फैलानी चाहिए !!

ऐसे अनुमान, जिनका कोई आधार भी ना हो, ऐसी बातें नहीं फैलानी चाहिए और यह हम पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी हैं, क्योंकि अब हम दो-चार-पांच भर लोगों के दोस्त नहीं हैं, बल्कि इस माध्यम के मंच पर हम एक साथ सैकड़ों और हजारों लोगों के दोस्त हैं, इसलिए उनकी बाबत कुछ भी कहना एक बहुत महत्ती जिम्मेवारी है हम सब पर !!

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि किसी बात पर एक-दूसरे से मतभेद होने पर या किसी एक पोस्ट पर एक दूसरे से मतभेद होने पर बहुत बार एक-दूसरे की छीछालेदार तक पर हम उतर जाते हैं !! क्या यह सही है ?? क्या हमने किसी को इसीलिए अपना दोस्त बनाया है ?? यदि हममें धैर्य नहीं है, यदि हममें सब्र नहीं है, यदि हममें इतनी भी समझ नहीं है कि सामनेवाले की भी एक अलग सोच हो सकती है, और होगी ही !! ठीक उसी तरह जिस तरह हमारी अपनी एक अलग सोच है, यदि हम एक-दूसरे की अलग-अलग सोच को आत्मसात नहीं भी कर पाते, तो भी इससे हमारे झगड़ने का तो कोई तर्क नहीं बैठता ना !!

कभी किसी ने किसी पोस्ट पर कुछ कहा होगा या ना कहा होगा !! अब कोई व्यक्ति उसको लेकर महीनों और बरसों बैठा हुआ है, कभी किसी ने किसी की किसी बात का जवाब नहीं दिया होगा या ऐसा जवाब दिया होगा, जो सामनेवाले को न समझ आया होगा, कभी किसी ने कमेंट बॉक्स में कोई हल्का-सा मजाक कर दिया होगा और किसी तीसरे पक्ष ने उसके कान भर दिये होंगे और लो भाई हो गयी ऐसी की तैसी !! …तो, इस प्रकार की बातों से सम्बन्ध बिगाड़ने से तो अच्छा है कि हम दोस्त बनायें ही नहीं !!

अरे भई !! एक सार्वजनिक माध्यम पर हैं हम सब !! और बिल्कुल अनजान लोगों के लगातार दोस्त बन रहे हैं। ऐसे में हमें अपनी भावनाओं को बहुत सोच-समझ कर व्यक्त करना चाहिए। किसी एक के बारे में कही गयी कोई बात, ऐसा न हो कि सब के ऊपर जा बैठे !! किसी एक के प्रति किया गया गुस्सा, ऐसा नहीं हो कि सब के प्रति लागू हो जाये !! या ऐसा ही अन्य कुछ भी घटित हो, जो एक-दूसरे की बात को काटता हो, ये सब चीजें हमें समझ में आनी ही आनी चाहिए और नहीं समझेंगे, तो आनेवाले दिनों में हम न जाने क्या से क्या होता हुआ घटित होता हुआ देखने को अभिशप्त होंगे !!

समझो यारों !! 

कीप कूल !!

डोंट बोदर विद अदर !!

डोंट अग्रेसिव फॉर ओन प्वॉइंट ऑफ़ व्यू !!

बस ! यही कहना था मुझे !!

Share this:

Latest Updates