डॉ. आकांक्षा चौधरी
वह किरण थीं
दीप्त प्रदीप्त हमेशा
प्रेम पोषित असीमित
रामचंद्र की उषा थीं !
यात्री से सीखतीं
सत्याग्रह की बेटी
जन आन्दोलन का केन्द्र
बंदर बगीचे की मालकिन !
इतिहास की ज्ञाता
उनका मन परे था
विचारों के पूर्वाग्रहों से
ज्ञान का भंडार थीं !
भामती या नैना बंजारन
न अंध स्त्रीवादी
न अंध सेकुलर
हां, सत्यवादी थीं !
वह किरण थीं
नागार्जुन की मिनी
मैथिल साहित्य की भोर
उषाकाल थीं, उषाकिरण थीं !!
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