- सही जानकारी, त्वरित उपचार और सम्बन्धित सुविधाओं तक आसान पहुंच द्वारा ही महिलाएं नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिज़ीज़ेज़ से रहेंगी सुरक्षित
सुमित कुमार
पूरे विश्व में हर वर्ष 28 मई को इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फाॅर वूमेंस हेल्थ यानी अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाओं को उनके यौन व प्रजनन स्वास्थ्य से सम्बन्धित अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाये, ताकि वे स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकें। हम सब जानते हैं कि महिलाएं हमारे परिवार…हमारे समाज की धुरी होती हैं। मां के रूप में, बहन के रूप में, पत्नी के रूप में और बेटी के रूप में वह परिवार से जुड़ी पर जिम्मेदारियों को निभाती हैं। सामाजिक परिवेश इन रिश्तों के बिना पूरा नहीं हो सकता है। किसी ने सच कहा है कि सशक्त होगी नारी शक्ति, तो बढ़ेगी राष्ट्र की शक्ति और नारी तभी सशक्त हो सकती है, जब वह स्वस्थ हो, प्रसन्न हो। शायद इसी मर्म को समझते हुए 28 मई वर्ष 1987 में, मध्य अमेरिका में स्थित कोस्टा रिका देश में वूमेंस ग्लोबल नेटवर्क फाॅर रीप्रोडक्टिव राइट्स के सदस्यों की बैठक में महिलाओं के यौन व प्रजनन स्वास्थ्य से सम्बन्धित अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 मई को अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्यवाही दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।
तब से, प्रत्येक वर्ष 28 मई को इसे विश्व स्तर पर मनाया जाने लगा और महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए, पूरी दुनिया में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा। प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस की एक थीम रखी जाती है। वर्ष 2023 की थीम है “हमारी आवाज, हमारे कार्य, हमारी मांग महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा करें!” वैसे तो महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारों के बारे में राज्य सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, मगर 28 मई को यौन व प्रजनन स्वास्थ्य से सम्बन्धित अधिकारों की दिशा में कार्य करनेवाले कार्यकर्ता और सहयोगी संस्थाएं विशेष रूप से महिलाओं को इससे सम्बन्धित अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं। यौन व प्रजनन स्वास्थ्य के अतिरिक्त भी महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए तमाम नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिज़ीज़ेज़ जैसे फ़ाइलेरिया और कालाज़ार से सुरक्षित रहना भी बहुत ज़रूरी है। उन्हें इन बीमारियों, उनके संचरण, रोकथाम और उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में सूचित करने का पूरा अधिकार है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे इन वेक्टर जनित रोगों से सुरक्षित रह सकें। अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्यवाही दिवस के अवसर पर झारखण्ड की सामाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता रूना मिश्रा शुक्ला ने कहा, “अगर महिलाएं स्वस्थ हैं, तो परिवार और समाज स्वस्थ होगा, जिससे निश्चित ही हमारा राज्य और देश स्वस्थ होगा।”
महिलाओं को उनके स्वास्थ्य से सम्बन्धित अधिकारों की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। हमें स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक मज़बूत करना होगा। तमाम ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें नेग्लेक्टेड कहा जाता है, लेकिन हमें इन बीमारियों के बारे में सतर्क रहना होगा, ताकि महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में हम नेग्लेक्टेड न रहें। जैसे कि, अगर हम फ़ाइलेरिया और कालाजार के बारे में बात करें, तो ये बीमारियां भी नेग्लेक्टेड कही जाती हैं, लेकिन जो महिलाएं इनसे पीड़ित होती हैं, उन्हें असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ती है, सामाजिक बहिष्कार का सामना भी करना पड़ता है। इसीलिए महिलाओं और उनके परिवारों पर इन बीमारियों के बोझ को खत्म करने के लिए फाइलेरिया और कालाजार के लिए किफायती, सुलभ और प्रभावी उपचार एवं उनके विकल्पों तक पहुंच और अधिक आसान होनी चाहिए। खिलाड़ी, रूपा रानी तिर्की ने कहा कि अगर कोई महिला शारीरिक रूप से स्वस्थ है, तो वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ होगी, अगर महिला स्वस्थ है, तो वह परिवार की सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभा सकती है। इसीलिए परिवार के सभी सदस्यों का यह कर्तव्य है कि परिवार की सभी महिलाओं को स्वस्थ रखें और उनके पोषण का सही ध्यान रखें। इसके साथ ही परिवार में घरेलू हिंसा नहीं होनी चाहिए, ऐसा होता है तो महिला मानसिक पीड़ा में रहेगी और घर का माहौल खराब हो जायेगा। ऐसी कई बीमारियां हैं, जैसे फ़ाइलेरिया और कालाजार ऐसी बीमारियों से महिलाओं को बचा कर रखना चाहिए, जिससे स्वस्थ देश और राज्य का विकास हो सके। अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस के अवसर पर आइये हम सब प्रण लें कि महिलाओं के स्वास्थ्य के अधिकारों के लिए एक साथ मिल कर कार्य करेंगे।