Kolkata news : पश्चिम बंगाल में ग्रामीण विकास के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत केन्द्रीय धन के उपयोग के ताजा आंकड़े राज्य के लिए चिंताजनक हैं। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, धन के उपयोग की समय सीमा समाप्त होने में केवल एक महीना शेष है और अब तक आवंटित धन का केवल 35 प्रतिशत ही उपयोग किया गया है।
अब तक लगभग 1,028 करोड़ रुपये ही खर्च
रिकॉर्ड्स के अनुसार, 15वें वित्त आयोग के तहत पिछली किश्त में लगभग तीन हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे, जिनमें से अब तक केवल लगभग 1,028 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये हैं। यह धीमी गति धन के उपयोग में अनिश्चितता पैदा कर रही है, क्योंकि नियमों के अनुसार, अगली किश्त को तब तक जारी नहीं किया जाता जब तक पिछली किश्त के तहत आवंटित धन का कम से कम 75 प्रतिशत उपयोग नहीं हो जाता। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य में पंचायत प्रणाली के तीन स्तरों को 31 जुलाई तक टेंडर जारी करके धन के उपयोग की प्रक्रिया में तेजी लाने की समय सीमा दी है। इसका मतलब है कि 15 अगस्त तक लगभग 1,700 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे, जो विभागीय अधिकारियों के अनुसार एक बहुत बड़ी चुनौती है।
सही परियोजनाओं के चयन पर जोर दिया जा रहा
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सही परियोजनाओं के चयन पर जोर दिया जा रहा है, जिनका कार्यान्वयन जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि पिछले मामलों में कुछ गलतियों के कारण परियोजनाओं के चयन में कमी आयी थी।धन के धीमे उपयोग के कारणों के बारे में बताते हुए, विभागीय अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के कारण आवश्यक कार्य लगभग तीन महीने तक पूरी तरह से रुके रहे, जिससे स्थिति और भी खराब हो गयी।