Sambalpur News, Odisha news: विभिन्न पदों पर अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए सरकार से हर महीने वेतन समेत अन्य सुख-सुविधाओं के लिए लाखों रुपये पाने वाले अफसरों में पैसे की भूख नहीं मिट रही। आए दिन कोई न कोई अफसर रिश्वतखोरी के आरोप में दबोचा जा रहा है। इसके बावजूद उनकी सूची लंबी होती जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को ओडिशा के नवरंगपुर के अतिरिक्त उप जिलाधीश प्रशांत कुमार राउत को गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी आय से अधिक की संपत्ति रखने के मामले में हुई है। यह वही अफसर है, जिसने सतर्कता विभाग से बचने की कोशिश में ढाई करोड़ रुपये अपने पड़ोसी की छत पर फेंक डाले थे।
नौ ठिकानों पर छापा, मंगाई गई नोट गिनने की मशीन
शुक्रवार को सतर्कता विभाग ने संबंधित अफसर के नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 3 करोड़ 2 लाख 30 हजार 800 रुपये नकद जब्त किए गए थे। यह देख विजिलेंस के अधिकारी भौंचक्के रह गए थे। जब्त रुपये को गिनने के लिए बैंक से मशीन मंगवानी पड़ी। सुबह से देर शाम तक हुई तलाशी के बाद उस अफसर के पास पांच करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति होने का पता चला।
बीडीओ रहते भी रिश्वत लेते पकड़ा गया था राउत
प्रशांत कुमार राउत पहली जुलाई 1996 में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में करियर शुरू किया था और तहसीलदार के रूप में पहले केंद्रापाड़ा, जाजपुर, बालेश्वर और बरगढ़ जिला में कार्य किया। इसके बाद बीडीओ के रूप में जाजपुर, कटक, केंद्रपाड़ा और सुंदरगढ़ जिला में कार्य किया। सुंदरगढ़ जिला के बिसरा बीडीओ रहते 6 नवंबर 2018 को एक लाख रुपये की रिश्वतखोरी में विजिलेंस ने उसे रंगेहाथ पकड़ा था। इसके बाद उसे निलंबित किया गया था और 18 जनवरी 2020 को उसे नवरंगपुर जिला के सहायक उपजिलाधीश के रूप में बहाल किया गया। इसके बाद उसने येन-केन-प्रकारेण खूब रुपये बनाए।