Anugul News : ओडिशा शासन-प्रशासन की विफलता और अस्त-व्यस्त डिलीवरी मैकेनिज्म का एक विद्रूप चेहरा हाल ही में सामने आया है। यहां के नबरंगपुर स्थित झरीगांव प्रखंड के बनुआगुड़ा गांव की एक 70 वर्षीया वृद्ध को महज कुछ हजार रुपये के लिए पैदल 4.4 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। शरीर से पूरी तरह थक चुकी इस वृद्धा को पिछले चार महीने से पेंशन मद की राशि नहीं मिल रही थी। उसे चलने-फिरने में काफी परेशानी होती है, परंतु पेंशन की आस में उसने एक टूटी कुर्सी का सहारा लिया, उसे ही सरका-सरका कर बैंक की शाखा तक पहुंची, फिर क्या हुआ, जानिए….
वीडियो हुआ वायरल तो केंद्रीय वित्त मंत्री ने लिया संज्ञान
वृद्धा की इस दीनहीन दशा का वीडियो इस बीच किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसपर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नजर तो पड़ी तो उन्होंने तत्काल इसपर संज्ञान लिया और भारतीय स्टेट बैंक की खिंचाई कर दी। वह ट्वीट के माध्यम से पूछ बैठीं कि क्या वहां कोई बैंक मित्र नहीं है। जब बात वित्त मंत्री द्वारा संज्ञान लिए जाने की हो तो फिर बैंक के अधिकारी कैसे चुप बैठते। बैंक ने तत्काल जवाब दिया, वृद्धा की हालत देखकर बैंक प्रबंधन भी आहत है। प्रबंधन ने इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि अगले महीने से पेंशन मद की राशि वृद्धा के घर पहुंचाई जाएगी।
पशुओं को चराकर होता है गुजर-बसर
बताया जाता है कि वृद्धा की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। उसका बड़ा बेटा दो जून की रोटी की तलाश में सपिरवार किसी अन्य राज्य में जा बसा है। उसका छोटा बेटा उसके साथ रहता है और दूसरों के मवेशियों को चराकर आजीविका चलाता है। पहले पेंशन मद की राशि उसे नकद मिल जाया करती थी। हालांकि, अब नियम बदल जाने के कारण पैसा उनके खाते में आनलाइन ट्रांसफर कर दिया जा रहा है। बैंक के अनुसार बुढ़ापे के कारण सूर्या के बाएं अंगूठे का निशान कभी-कभी नमूने से मेल नहीं खाता है, जिससे उसे पेंशन राशि का भुगतान करने में समस्या होती है। अब जबकि सीतारमण ने खुद इस मामले में हस्तक्षेतप किया है, उम्मीद है कि सिर्फ सूर्या ही नहीं, उसकी जैसी हजारों वृद्धाओं की चिंता अब बैंक के अधिकारी करेंगे।