Rourkela News : राउरकेला सिविल टाउनशिप के एक त्वचा रोग विशेषज्ञ साइबर ठगों के जाल में फंसकर महज 45 हजार रुपये की लालच में 5.94 लाख गवां डाले। इस मामले में बहरहाल, राउरकेला पुलिस ने हरियाणा से तीन ठगों को दबोच लिया है। तीनों नूंह जिले के हैं और उनकी उम्र 19 से 22 साल के बीच है। आखिर साइबर ठगों के जाल में डॉक्टर कैसे फंसे, आप भी जानें, ताकि ऐसी गलती करने से पहले आप सौ बार सोचें…। गिरफ्तार आरोपितों के पास से आधार कार्ड, सिम कार्ड, महंगे मोबाइल फोन आदि जब्त किए गए हैं।
डॉक्टर ने आठ अप्रैल दर्ज कराई थी शिकायत
डॉक्टर ने आठ अप्रैल को ठगी के इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया था कि 26 मार्च को उन्हें एक नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को सीआइएसएफ अधिकारी बताया था। उसने कहा था कि 150 मरीजों की त्वचा जांच के लिए एक स्वास्थ्य कैंप का आयोजन होना है। इसपर उन्होंने प्रति मरीज 300 रुपये पर देखने पर हामी भर दी। यानी कि यह डील 45 हजार रुपये में तय हुई। कैंप का आयोजन आठ अप्रैल को होना था। और तो और फर्जी अधिकारी ने 80 प्रतिशत राशि बतौर एडवांस देने की पेशकश कर डाली। इसके बाद क्या हुआ, आगे जानें…।
सीआइएसएफ की ड्रेस पहन लिया झांसे में
डील फाइनल होने के बाद साइबर ठग ने मिलिट्री छवनी में प्रवेश के लिए गेट पास निर्गत किये जाने की बात कही। इससे पूर्व उस ठग ने सीआइएसएफ की ड्रेस में डॉक्टर को वीडियो कॉल किया। इससे डॉक्टर उसे वास्तविक अधिकारी समझने की भूल कर बैठे। इसके बाद शुरू हुआ ठगी का खेल। ठग ने गेट पास और पैसे ट्रांसफर के नाम पर डॉक्टर से
आधार, आइडी कार्ड व कैंसिलेशन चेक वाट्सएप पर मांगा और डॉक्टर ने बिना सोचे विचारे सबकुछ उसके हवाले कर दिए। इसके बाद ठग ने उन्हें गुगल पे का एक स्कैन कोड वाट्सएप पर भेजा। कहा कि उन्हें सीधे गुगल पे से पेमेंट किया जाएगा। इतना भी ठीक, परंतु इसके बाद ठग ने गेट पास के लिए कुछ भुगतान करने की बात कही, यह बात भी डॉक्टर को समझ में नहीं आई। इसके बाद साइवर ठगों ने पैसे नहीं आने की बात कहकर उनसे कई चरणों में 5.94 लाख रुपये का भुगतान करा लिया।