National news, West Bengal news, Mamta Banerjee : इंडिया यानी नये विपक्षी गठबंधन में सिर्फ बैठकों का दौर जारी है और टकराव होने लगा है। खबर है कि जिस जातिगत जनगणना की मांग गुट के सभी दल उठा रहे हैं, उससे तृणमूल कांग्रेस दूरी बना रही है। इसकी वजह पश्चिम बंगाल की राजनीति है। कहा जा रहा है कि टीएमसी जातिगत जनगणना के खिलाफ है। फिलहाल, पार्टी अपनी सुप्रीमो ममता बनर्जी के लौटने का इंतजार कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के दिल्ली आवास पर 13 सितम्बर को एक बैठक हुई थी। उस दौरान पार्टियों ने जातिगत जनगणना की मांग को उठाने का फैसला किया था। अब उस बैठक से टीएमसी गायब रही थी, क्योंकि अभिषेक बनर्जी ईडी की पूछताछ में शामिल हुए थे।
जातिगत जनगणना से लोगों में बंटवारा पैदा होगा
मुम्बई में हुई बैठक में मुख्यमंत्री बनर्जी पहुंची थीं, लेकिन कहा जा रहा है कि वह जातिगत जनगणना के मुद्दे पर शांत ही नजर आयीं। टीएममसी दिग्गज सौगत रॉय ने कहा, ‘हमारी नेता ममता बनर्जी ने पहले ही कह दिया है कि हम जातिगत जनगणना के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि ऐसा करना लोगों के बीच बंटवारा पैदा कर देगा। हालांकि, उन्होंने विपक्षी दलों के साथ बैठ कर इस समस्या को सुलझाने की भी बात की थी।’ टीएमसी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ममता बनर्जी को लगता है कि ऐसी जनगणना टीएमसी को नुकसान पहुंचा सकती है।